बेसिक शिक्षा विभाग ने कूटरचित दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रहे कई शिक्षकों का भांडा फूटने, बर्खास्त होने, आधा सत्र बीतने के बावजूद किताब और यूनिफार्म का वितरण न होने समेत कुछ अन्य वजहों से साल भर नकारात्मक चर्चा में रहा है। वहीं, कई गुरुओं (शिक्षकों) ने व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल करके मिसाल भी कायम की है। जिले के तमाम स्कूलों का कायाकल्प किए जाने से सुविधाएं तो मिलीं, लेकिन कई कमियां रह गई हैं। पेश है, पूरे साल में बेसिक शिक्षा की खामियों और खूबियों का लेखाजोखा…
साल भर में 10 फर्जी शिक्षक बर्खास्त
एक वर्ष में परिषदीय स्कूलों में कूटरचित दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाले 10 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया। इसके बाद कुल बर्खास्त शिक्षकों का आंकड़ा 84 पहुंच गया। बर्खास्त शिक्षकों ने करीब 40 करोड़ रुपये की धनराशि वेतन के मद में डकारी है। मगर, इनसे रिकवरी ढेेला भर भी नहीं की जा सकी है।
राज्य अध्यापक पुरस्कार से नवाजे गए प्रवीण मिश्रा
शिक्षा के उन्नयन में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्राथमिक विद्यालय बेलकुर गगहा में तैनात प्रवीण मिश्रा को वर्ष 2022 में राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
83 फीसदी परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प
शासन की ओर से परिषदीय स्कूलों के जीर्णोद्धार की दिशा में तेजी से कार्य किया गया। कायाकल्प योजना के तहत पूरे वर्ष में 83 फीसदी परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प करने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, कई विद्यालयों का इससे भी कायाकल्प नहीं नहीं हो पाया है।
अमेरिका में पांच महीने रहकर देश का प्रतिनिधित्व करेंगी अल्पा
सरदारनगर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय तिलौली में तैनात शिक्षिका अल्पा निगम का चयन फूल ब्राइट स्कीम के तहत किया गया है। इस योजना के तहत वो अमेरिका में रहकर पांच महीने तक देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह उत्तर प्रदेश की पहली शिक्षिका होंगी।
शिक्षकों की टीम ने गांधीनगर में सीखा पढ़ाई को रोचक बनाने का गुर
विज्ञान और गणित की पढ़ाई को रोचक और आसान बनाने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर बेसिक शिक्षा विभाग के 40 सदस्यीय शिक्षकों की टीम आईआईटी गांधीनगर गई। प्रशिक्षण लेकर अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का कार्य प्रारंभ हुआ।
….और इनका रहा मलाल: आधा सत्र बीतने के बाद भी नहीं मिली किताब और यूनिफार्म
जिले के 2514 परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 3.5 लाख से अधिक बच्चों को आधा सत्र बीत जाने के बाद भी किताब नहीं मिल सकी। अभी तक वितरण की प्रक्रिया जारी है। ऐसे ही यूनिफार्म, जूता मोजा, स्वेटर के लिए मिलने वाले 1200 रुपये प्रति छात्र की धनराशि के वितरण की प्रक्रिया भी सुस्त रही है।
नहीं मिला स्थानांतरण, पुरानी पेंशन के हक में बुलंद हुई आवाज
परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को स्थानांतरण का लाभ नहीं मिल सका। शासन स्तर पर योजना तैयार होती रही। ग्रामीण से शहरी और शहरी से ग्रामीण इलाकों में भी शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हो सका। वहीं, वर्ष पर्यंत शिक्षकों की ओर से पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्ष हुआ मगर, इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
माध्यमिक शिक्षा: 140 से अधिक शिक्षक मिले
माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत संचालित जिले के राजकीय और अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में रिक्त चल रहे शिक्षकों के पदों को भरा गया। तकरीबन 140 से अधिक शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण किया। इससे शिक्षकों की कमी दूर हुई।
सात साल बाद मिली एथलेटिक्स की मेजबानी
माध्यमिक विद्यालयों की राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता की मेजबानी सात वर्ष के गोरखपुर की मिली। प्रतियोगिताओं का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया।