विनय पाठक प्रकरण की जांच सीबीआई को
विनय पाठक लगातार बयान देने से बचते रहे
एसटीएफ को जांच में विनय पाठक के खिलाफ कई सुबूत मिले लेकिन वह उसके बयान तक नहीं ले सकी। एसटीएफ ने जब कानपुर स्थित विनय पाठक के सरकारी आवास पर पहली नोटिस भेजी तो उन्होंने ई-मेल के जरिये खुद को अस्वस्थ बताते हुये विनय पाठक ने 25 नवम्बर तक बयान देने की बात कही। इस पर एसटीएफ ने पूछा कि उन्हें क्या बीमारी है। वह किस डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं। इस बारे में विनय पाठक ने न तो कोई जवाब दिया और न ही बयान देने आये।
अभी तक अपने पद पर बरकरार हैं पाठक
एसटीएफ के अधिकारी आशंका जताने लगे थे कि मामले में सीबीआई जांच करायी जा सकती है। विनय पाठक अभी पद पर भी बने हुये हैं। हालांकि वह कानपुर यूनिवर्सिटी नहीं जा रहे हैं। जल्दी ही सीबीआई अपने यहां इस मामले में एफआईआर दर्ज कर सकती है। हालांकि आयुष दाखिले फर्जीवाड़े की जांच से सीबीआई ने इनकार कर दिया था।
अक्तूबर को मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। आगरा की डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में परीक्षा के संचालन की जिम्मेदारी देने के नाम पर कमीशन मांगने के आरोप में फंसे सीएसजीएमयू के कुलपति विनय पाठक मामले में सीबीआई जांच की संस्तुति प्रदेश सरकार ने कर दी है।
अभी तक इसकी जांच एसटीएफ कर रही थी।
26 अक्टूबर को इस मामले में विनय पाठक व इनके करीबी अजय मिश्र के खिलाफ इंदिरा नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। जांच के दौरान तीन लोग जेल जा चुके हैं और विनय पाठक के खिलाफ विवेचना में धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा भी बढ़ाई जा चुकी है।
एफआईआर दर्ज होने के दूसरे दिन ही एसटीएफ ने अजय मिश्र को गिरफ्तार कर लिया था। इसके 11 दिन बाद अजय मिश्र के कहने पर विनय पाठक का कमीशन मैनेज करने के लिये फर्जी ई-वे बिल तैयार करने के आरोप में गुड़गांव निवासी अजय जैन को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था। जांच में ही अजय मिश्र की इंदिरा नगर स्थित प्रिन्टिंग प्रेस के बारे में कई खुलासे हुये थे। जांच के दौरान ही एसटीएफ ने बरेली में कोरोना किट की सप्लाई के नाम पर धांधली में ठेकेदार संतोष सिंह को पकड़ा गया था।