कौन बनता है आपदा मित्र
आपदा मित्र 18 से 40 आयु के बीच वालों को बनाया जाता है। इन्हें आपदा से निपटने संबंधी सभी जरूरी प्रशिक्षण दिए जाते हैं। इस योजना के तहत रखे जाने वाले आपदा मित्र को किसी प्रकार का पारिश्रमिक नहीं मिलता है। सरकार की ओर से प्रत्येक आपदा मित्र का पांच लाख रुपये का बीमा कराया जाता है। इसके अतिरिक्त 10 हजार रुपये का किट इन्हें दिया जाता है। अध्ययन सामग्री व पहचान पत्र भी दिया जाता है।
कहां कितनी तैयारी
बरेली, बुलंदशहर, देवरिया, गाजियाबाद, गाजीपुर, वाराणसी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर व शामली में 500-500, अमरोहा, बागपत, बहराइच, बलरामपुर, सोनभद्र, महराजगंज, रामपुर, संतकबीरनगर सिद्धार्थनगर व श्रावस्ती 300-300 और महोबा में 200 आपदा मित्र रखे जाएंगे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सबसे पहले गोरखपुर में 200 आपदा मित्र रखे थे।
लखनऊ। राज्य सरकार आपदा से प्रभावितों को तुरंत मदद पहुंचाने के लिए प्रदेश के 25 जिलों में 6334 आपदा मित्रों को रखेगी। इनके चयन की प्रक्रिया मार्च 2023 तक पूरी कर ली जाएगी।
राहत आयुक्त कार्यालय ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। इनमें से 15 जिलों में 3866 आपदा मित्र पहले से काम कर रहे हैं।
आपदा प्रभावितों को तुरंत मदद केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि आपदा आने की स्थिति में प्रभावितों को राहत पहुंचाने का काम तुरंत शुरू किया जाए। इसके लिए पहले से सभी जरूरी तैयारियां रखी जाएंगी। इसके लिए जरूरत के आधार पर आपदा मित्रों को रखा जाए। इनके चयन करते हुए इन्हें प्रशिक्षण देने के साथ ही जरूरी किट उपलब्ध करा दिया जाए। इन आपदा मित्रों का पूरा ब्योरा जिलों में डीएम कार्यालय पर उपलब्ध कराया जाए, जिससे जरूरत पर इन्हें तुरंत मौके पर भेजा जा सके।