केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एक फैसले में कहा है कि अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों को सीधे नियमित नहीं किया जा सकता। उन्हें इसके लिए अन्य आवेदकों के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इसी के साथ कैट ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 10 वर्ष से अधिक समय से अनुबंध पर कार्यरत नर्सिंग कर्मियों की नियमित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस रंजीत वी. मोरे और सदस्य मोहम्मद जमशेद की पीठ ने यह फैसला दिया।
क्या है मामला
नियुक्ति 2009 में तीन माह के अनुबंध पर हुई थी। अस्पताल प्रशासन दस वर्ष तक इसे बढ़ाता रहा। नियमित नियुक्ति के लिए 2019 में विज्ञापन निकला। 2022 में नियमित नियुक्ति के बाद अनुबंध पर कार्यरत 151 नर्सों को हटा दिया गया। इसके बाद इनमें से 42 लोग नियमित करने की मांग, नौकरी से हटाने के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए।