गोंडा। परिषदीय स्कूलों के छात्रों को अनुदान दिए जाने की योजना में लापरवाह प्रधानाध्यापक ही रोड़ा बने हैं। जिले के 700 स्कूलों के प्रधानाध्यापक 32 हजार छात्रों का डाटा अभी तक अपडेट नहीं हैं। परिणामस्वरूप डीबीटी योजना से उनको अनुदान नहीं मिल सका है और वे स्वेटर, जूता मोजा आदि नहीं खरीद पा रहे। उधर बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने तीन दिन में काम पूरा करने के निर्देश के साथ ही 700 प्रधानाध्यापकों को वेतन रोकने की भी चेतावनी दी है।
जिले के 2611 परिषदीय स्कूलों के 4.21 लाख छात्रों को सामग्री के लिए 1200-1200 रूपये का अनुदान डीबीटी के माध्यम से दिया जाना है। अभी तक एक लाख छात्रों को अनुदान नहीं मिल सका है। इसमें 32 हजार 315 छात्र ऐसे हैं जिनका डेटा ही पोर्टल पर अपडेट नहीं हैं। इस सप्ताह डेटा पूरी तरह अपडेट न हो सका तो अनुदान फंस भी सकता है। शासन की मंशा है कि ठंड बढ़ने से पहले ही सभी छात्रों को अनुदान दे दिया जाए लेकिन प्रधानाध्यापक कतई गंभीर नहीं।
आधार सत्यापन संग स्कूल का डेटा करना होगा अपडेट
डीबीटी पोर्टल पर छात्रों के स्कूल में नामांकन से लेकर कक्षाओं का ब्योरा फीड करना है। छात्र के आधार के साथ ही उनके माता-पिता के आधार और बैंक खाता नंबर फीड करना है। बेसिक शिक्षा विभाग सीधे अभिभावकों के खाते में ही धनराशि भेजता है। ऐसे में आधार सत्यापन अनिवार्य है। प्रधानाध्यापकों के सत्यापन के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
प्रधानाध्यापकों को दी चेतावनी
डीबीटी योजना में लापरवाही बरतने वाले प्रधानाध्यापकों को चेतावनी दी गई है। समय से कार्य पूरा न होने पर वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
अखिलेश प्रताप सिंह, बीएसए