केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि उच्च शिक्षा की किताबें 12 भारतीय भाषाओं के साथ-साथ जनजातीय भाषाओं में भी मिलेंगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इनका अनुवाद कराएगा। वह केंद्र सरकार की आदिवासी कल्याण योजनाओं के बारे में चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत स्थानीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसका लाभ आदिवासी समुदाय को भी मिलेगा। प्रधान ने कहा, एनसीईआरटी की स्कूली शिक्षा और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रथम वर्ष की किताबें जनजातीय भाषाओं में उपलब्ध कराने पर काम तेजी से जारी है। दो जनजातीय विश्वविद्यालय भी शुरू किए जा चुके हैं।
जी-20 में पोषक अनाज परोसने से होगी ब्रांडिंग
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि जनजातीय समुदाय के उगाए पोषक अनाज (मिलेट्स) को केंद्र सरकार जी-20 की बैठक में प्रमुख भोजन के तौर पर परोसेगी। इससे पोषक अनाज की ब्रांडिंग होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, पीएम मोदी के प्रयासों से ही संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। प्रधान ने कहा कि मोटे अनाज के कई पोषक गुण हैं। इसकी ब्रांडिंग केंद्र करेगा, जिसका सीधा लाभ आदिवासी समुदाय को होगा। प्रधान ने कहा कि पीएम अपने मेहमानों को पोषक अनाज से बना खाना खिलाते हैं।
आदिवासी कल्याण पर जोर
प्रधान ने कहा, मोदी सरकार ने आदिवासी कल्याण के लिए बजट में काफी वृद्धि की है। वर्ष 2014 में करीब 19000 करोड़ बजट का प्रावधान किया जाता था, जो आज 91 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। सरकार ने बिरसा मुंडा जयंती को आदिवासी गौरव दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया। साथ ही देश भर में 10 आदिवासी म्यूजियम भी खोले जा रहे हैं।
आदिवासी बाहुल्य 34,628 गांव बुनियादी सुविधाओं से जोड़ेंगे : प्रधान ने कहा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं। पीएम के प्रयासों से आदिवासी नायकों को नई पहचान मिली है। पीएम आदर्श ग्राम योजना के तहत 50% से अधिक आदिवासी आबादी वाले 34,628 गांवों को बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा।