उत्तर प्रदेश में बढ़ते औद्योगिक निवेश के मद्देनजर भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए नए निजी लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे। निजी लॉजिस्टिक पार्क के लिए निवेशकों को फास्ट ट्रैक आधार पर भूमि का आवंटन किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार शाम लोक भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2022 को मंजूरी दी गई। निजी लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने पर स्टांप ड्यूटी और भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में रियायतें दी जाएगी।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि नीति के तहत लॉजिस्टिक पार्क्स के लिए फास्ट ट्रैक भूमि आवंटन, लॉजिस्टिक्स परिक्षेत्रों के विकास के साथ ही प्रोत्साहन दिया जाएगा। लॉजिस्टिक पार्कों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तीन चरणों में किया जाएगा। पहला चरण में भंडारण सुविधा के तहत गोदाम, साइलोज, कोल्ड चेन की सुविधा दी जाएगी। दूसरे चरण में मल्टीमाडल पार्क के तहत अंतर्देशीय कंटेनर डिपो, कंटेनर फ्रेट स्टेशन सहित लॉजिस्टिक्स पार्क्स, ड्राई पोट और एयर फ्रेट स्टेशन भी बनाए जाएंगे। तीसरे चरण में अन्य सुविधाओं के तहत निजी फ्रेट टर्मिनल, निजी बर्थिंग टर्मिनल एवं अन्तर्देशीय पोत की स्थापना पर आकर्षक सब्सिडी और रियायतें दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए बनाई गई नीति पांच वर्ष के लिए प्रभावी होगी। नीति की अधिसूचना जारी होने पर उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2018 निरस्त हो जाएगी। वर्ष 2018 की नीति के तहत प्रोत्साहनों के संबंध में अनुमोदित पैकेज वाली परियोजनाएं लाभ प्राप्त करने उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2018 के तहत अधिकृत रहेंगी।
यह है उद्देश्य
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2022 का उद्देश्य सुदृढ़ परिवहन अवस्थापना नेटवर्क का सृजन और वर्तमान वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर का का विकास करना करना है। साथ ही लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने एवं दक्षता में सुधार के लिए राज्य में लॉजिस्टिक्स सेवाओं के एकीकृत विकास को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि नीति से प्रदेश में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के विकास के लिए प्रभावी संस्थागत तंत्र स्थापित होगा। लॉजिस्टिक्स सुविधाओं की स्थापना में निजी निवेश आकर्षित होगा।
स्टांप ड्युटी में मिलेगी छूट
निजी लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने वाले निवेशकों को भूमि और भवन की खरीद पर स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। उन्हें भू उपयोग परिवर्तन में भी छूट दी जाएगी। विद्युत शुल्क भी छूट दी जाएगी।
आसानी से हो सकेगा महुआ के फूल व बीज, लाख, आंवला तथा चिरौंजी का उपभोग व विपणन
प्रदेश में महुआ के फूल व बीज, लाख, आंवला के फलों और चिरौंजी के उपभोग और विपणन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में महुआ के फूल व बीज, लाख, आंवला के फलों एवं चिरौंजी को उत्तर प्रदेश इमारती लकड़ी और अन्य वन उपज का अभिवहन नियमावली 1978 से मुक्त करने के संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वनों में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति तथा अन्य परंपरागत वन निवासियों, लघु एवं सीमांत किसानों की आय में वृद्धि तथा इन वन उपजों के सतत विदोहन एवं विपणन से उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए महुआ के फूल तथा बीज, लाख, आंवला का फलों एवं चिरौंजी को उत्तर प्रदेश इमारती लकड़ी और अन्य वन उपज का अभिवहन नियमावली 1978 के प्रावधानों से मुक्त किए जाने का निर्णय किया गया है।
देवरहा बाबा चिकित्सा विवि में बनेगा अत्याधुनिक सुविधायुक्त भवन
महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय देवरिया में अत्याधुनिक सुविधा वाला नया भवन बनाया जाएगा। बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। महर्षि देवरहा बाबा स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय देवरिया में 30 बेड के ट्रॉमा सेंटर, 20 बेड के बर्न वॉर्ड एवं 20 बेड के टॉक्सिकोलॉजी वॉर्ड के लिए नए भवन का निर्माण कराया जाएगा। बैठक में निर्माण की प्रायोजना में शामिल आवासीय भवनों में मिनरल फाइबर, केंद्रीय वातानुकूलन सिस्टम, ग्रेनाइट वॉल लाइनिंग, एकास्टिकल फॉल्स सीलिंग एवं मेटल फॉल्स सीलिंग आदि उच्च विशिष्टियों को अनुमोदित कर दिया गया है। निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा करा लिया जाए।
विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का सत्रावसान
योगी कैबिनेट ने विधानमंडल के दोनों सदनों के शीतकालीन सत्र के सत्रावसान का प्रस्ताव मंजूर किया है। विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 5-6 दिसंबर को आयोजित किया गया था। इसमें सरकार ने 33 हजार करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट पारित कराया है। साथ ही कुछ विधेयक पारित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना की गाइडलाइन मंजूर
प्रधानमंत्री मत्स्य योजना की तर्ज पर प्रदेश में लागू की गई मुख्यमंत्री मत्स्य योजना की गाइडलाइन को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद के मुताबिक प्रदेश के लगभग 39 लाख मछुआरों व मत्स्य पालकों के विकास के लिए यह योजना कारगर साबित होगी। उन्होंने बताया कि ग्राम सभा के तलाबों की वार्षिक मत्स्य उत्पादकता मात्र 25.30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसे सुधार कर 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। मनरेगा अथवा पट्टाधारक स्वयं तथा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गए ग्राम सभा व अन्य पट्टे के तालाबों में पहले वर्ष निवेश पर इकाई लागत चार लाख रुपये प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। मत्स्य बीज बैंक की स्थापना योजना पर भी लागत चार लाख रुपये प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
गिरेगा पुराना जर्जर भवन
सिद्धार्थनगर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटवा का पुराना जर्जर भवन ध्वस्त किया जाएगा। इस प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी र्गइ है। पुराने भवन को गिराने के बाद परिसर में ही नया भवन बनाया जाएगा।
अयोध्या में नई टाउनशिप के लिए अधिगृहित की गई माझा-बरहेटा गांव के किसानों की जमीन का मुआवजा ग्रामीण दर से ही दी जाएगी। अब तक इस जमीन का मुआवजा शहरी दर से देने की बात हो रही थी। जिसका किसान विरोध कर रहे थे। किसानों के विरोध को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है।
बता दें कि अयोध्या में आवास विकास परिषद ने नई टाउनशिप के लिए कृषि जमीन का अधिग्रहण किया है। इसमें माझा-बरहेटा के किसानों की भी जमीन ली गई है। इसलिए पहले इस जमीन के मुआवजा का दर ग्रामीण दर पर मंजूर किया गया था। इसी बीच नगर विकास विभाग ने अयोध्या नगर निगम का सीमा विस्तार किया तो माझा-बरहेटा का रकबा शहरी सीमा में शामिल हो गया।
लिहाजा इस जमीन के मुआवजा का दर शहरी दर से होने के कारण काफी कम हो गया। इसलिए किसान इसका विरोध करने लगे थे। इसके मद्देनजर अब तय किया गया है कि माझा-बरहेटा के किसानों की जमीन भले ही शहरी सीमा में शामिल हो गया है, लेकिन उसका मुआवजा पूर्व की भांति यानि सर्किल दर से चार गुना अधिक की दर से दिया जाएगा।
पांच मेगा परियोजनाओं को एलओसी जारी करने को हरीझंडी
राज्य सरकार ने प्रदेश में पांच मेगा परियोजनाओं को लेटर ऑफ कंफर्ट (एलओसी) जारी करने को हरी झंडी दे दी है। जिन औद्योगिक इकाइयों को एलओसी जारी किए जाने हैं उनमें पूर्वांचल क्षेत्र में बाराबंकी व अमेठी में एसएलएमजी बेवरेजेज प्रा. लि. पश्चिमांचल में मथुरा में जे.के. पेंट्स एंड कोटिंग्स लि., अलीगढ़ में राधा रुक्मणी स्टील्स प्रा. लि.तथा हापुड़ में मून बेवरेजेज प्रा. लि. शामिल हैं। औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन नीति 2017 एवं नियमावली के अंतर्गत मेगा परियोजनाओं को सुविधाओं और रियायतों के लिए गठित इम्पावर्ड कमेटी की सिफारिश पर इन इकाइयों को एलओसी जारी करने का निर्णय किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में एलओसी जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। पांचों औद्योगिक इकाइयों द्वारा 3,266 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इससे लगभग 2,500 रोजगार सृजन की संभावना है। इसके अलावा कैबिनेट ने पश्चिमांचल क्षेत्र के मथुरा में पेप्सिको होल्डिंग्स प्रा. लि. को पूर्व ेमें जारी एलओसी में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
कोविड से प्रभावित परियोजनाओं को छह माह का अतिरिक्त समय
कैबिनेट ने कोविड महामारी के प्रतिकूल वातावरण से प्रभावित रही परियोजनाओं को पूरा करने और वाणिज्यिक उत्पादन के लिए छह माह का अतिरिक्त समय देने का फैसला भी किया है। उ.प्र. औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के तहत सभी श्रेणी की परियोजनाओं के लिए पात्र निवेश अवधि की सीमा तय है। कैबिनेट के फैसले के अनुसार ऐसी परियोजनाएं जिनमें निवेश प्रारंभ करने की तिथि (कट ऑफ डेट) 22-03-2020 से पूर्व है, को पूरा करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय विस्तार प्रदान किया जाए। जिन परियोजनाओं में निवेश की पात्र अवधि 22-03-2020 से पहले पूरी हो चुकी है उन्हें समय विस्तारीकरण की सुविधा नहीं मिलेगी। फैसले के मुताबिक ऐसी परियोजनाएं जिनमें निवेश प्रारंभ करने की तिथि (कट ऑफ डेट) 22-03-2020 से 21-09-2020 के बीच है, को छह माह का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। ऐसी परियोजनाएं जिनमें निवेश प्रारंभ करने की तिथि (कट ऑफ डेट) 21-09-2020 के बाद है, उन्हें कोई अतिरिक्त समय विस्तार नहीं दिया जाएगा