लखनऊ। अब राज्यकरकर्मी अपने ‘राज’ छिपाकर नौकरी नहीं कर पाएंगे। इसके लिए राज्यकर मुख्यालय में तैयार किए गए ‘इम्प्लाई इंफारमेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ (ईआईएमएस) पर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज शिकायतें गोपनीय वार्षिक प्रविष्टि दंड के आदेश, कोर्ट केस, विभागीय कार्यवाही और परिवाद आदि का पूरा ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। नए सिस्टम पर काम शुरू हो गया है।
दरअसल, अभी तक अधिकारी और कर्मचारी खुद पर दर्ज मुकदमे और मिले दंड को छिपाकर नौकरी कर रहे हैं। ईआईएमएस आने के बाद उन्हें अपनी सेवा से संबंधित सभी अभिलेख इस पर अपलोड करने होंगे। हालांकि यह भी व्यवस्था दी गई है कि यदि किसी भी अपलोड विवरण में त्रुटि है तो कार्मिक उसे संशोधित कर सकेंगे। इसका सत्यापन आहरण एवं वितरण अधिकारी के स्तर से किया जाएगा। यहीं पर उसे अभिलेख संशोधन से संबंधित प्रमाण की प्रति भी जमा करनी होगी, ताकि इसका सत्यापन किया जा सके।
जन्मतिथि व गृह जिले में कर सकेंगे संशोधन
नई व्यवस्था में कार्मिकों को जन्मतिथि व गृह जिले में संशोधन की सुविधा मिलेगी। इसके लिए प्रार्थनापत्र के साथ प्रमाणित अभिलेखों की प्रति मुख्यालय के स्थापना राजपत्रित अनुभाग में जमा करनी होगी। पहले यह मैनुअल होता था। ऑनलाइन व्यवस्था में जन्मतिथि और गृह जिले में बार-बार संशोधन नहीं हो सकेगा।