सिद्धार्थनगर, । राष्ट्रीय विद्यालय प्रबंधक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.गोस्वामी गौरव भारती ने बीएसए को वाट्सअप पर मैसेज भेज बताया है कि जिले भर में 15 से 30 विद्यालय फर्जी मान्यता से संचालित हैं, लेकिन इसमें विद्यालय के प्रबंधकों का कोई कसूर नहीं है। यह कार्यालय का भ्रष्टाचार है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस आरोप के बाद विभाग फिर से कटघरे में खड़ा हो गया है।
दरअसल वर्ष 2019 में मान्यता पटल से तत्कालीन बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर से कई विद्यालयों को मान्यता दी गई। तत्कालीन पटल सहायक मुकुल मिश्र पर आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत की गई थी। इसके बाद जांच में 15 विद्यालयों की मान्यता पर संदेह हुआ। इसमें बीएसए की फर्जी हस्ताक्षर से मान्यता देने का संदेह हुआ है। मामला प्रकाश में आने के बाद फर्जी हस्ताक्षर से संचालित विद्यालयों के प्रबंधकों की बेचैनी बढ़ गई है। उन्हें डर सताने लगा है कि फर्जी हस्ताक्षर से संचालित विद्यालय को विभाग कभी भी बंद करा सकता है। इसके बाद राष्ट्रीय विद्यालय प्रबंधक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गोस्वामी गौरव भारती ने बीएसए को मैसेज भेज कर बताया है कि जिले भर में 15 से 30 विद्यालयों को फर्जी मान्यता दी गई है। यह कार्यालय व लिपिक का भ्रष्टाचार है। इसमें विद्यालय प्रबंधकों की कोई गलती नहीं है। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
मान्यता लिए विद्यालयों के प्रबंधकों का फोन आया था। फर्जीवाड़ा मिले विद्यालयों का इसमें कोई कसूर नहीं है। मान्यता वापस लेने की कमेटी है। जांच पूरी हो जाने के बाद आगे निर्णय लिया जाएाग।
देवेंद्र कुमार पांडेय, बीएसए