गोंडा। परिषदीय स्कूलों के छात्रों को फल देने की योजना में दस महीने बाद बजट तो आया, लेकिन उससे उधारी भी पूरी नहीं होगी। जिले के 2611 परिषदीय स्कूलों में फल के लिए एक करोड़ 79 लाख 51 हजार रुपये जारी किए गए हैं जो माह अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक के लिए हैं।
शासन से भेजे गए बजट में स्पष्ट किया गया कि ये बजट माह अप्रैल से सितंबर 22 तक के लिए है। इस दौरान जिले के स्कूलों में 44 लाख 87 हजार 998 फल वितरण हुआ है। चार रुपये की दर से फल के लिए बजट जारी किया गया है। इससे अभी भी अक्तूबर व नवंबर का बकाया नहीं मिला, दिसंबर से फिर उधारी से ही फल वितरण संभव हो सकेगा।
स्कूलों में माह में दो बार दूसरे व अंतिम गुरुवार को बच्चों को फल देने की व्यवस्था है। साल 2022 में पहली अप्रैल से दोबारा फल वितरण शुरू किया गया था। कोविड संकट के दौरान फल वितरण की योजना बंद हो गई थी। उस समय फल का वितरण तो शुरू करा दिया गया, लेकिन बजट नहीं दिया गया। पुराने बकाया का बजट उस समय भी मिला था। अब उम्मीद थी कि दिसंबर तक का बजट शासन से मिल जाएगा, लेकिन सिर्फ सितंबर तक ही बजट मिला है। इससे स्कूलों के प्रधानाध्यापक फिर उधारी पर काम चलाएंगे।
छह-छह महीने में आता है रसोइयों का मानदेय
जिले में 7600 के करीब रसोइए प्राथमिक स्कूलों में तैनात हैं। उन्हें 1500 रूपये महीने मिलता है, वह भी समय से नहीं आता है। छह-छह महीने तक रसोइयों को मानदेय का इंतजार करना पड़ता है। दीपावली के दौरान मानदेय मिला था, उसके बाद अभी तक बकाया है। करीब तीन महीने से मानदेय नहीं मिला है। हर महीने मानदेय देने के आदेश तो जारी हुए थे, लेकिन कुछ नहीं होता।
परिषदीय स्कूूलों में फल वितरण के लिए बजट मिला है, लेकिन वह सितंबर माह तक के लिए है। इसके बाद अवशेष बजट की मांग के लिए पत्र भेजा जाएगा। गणेश गुप्त, जिला समन्वयक एमडीएम बेसिक शिक्षा