लखनऊ। स्कूलों में मान्यता देने में खेल पकड़ा गया तो कार्रवाई तय है। अब बेसिक शिक्षा विभाग स्कूल प्रबंधकों से फीडबैक लेगा कि मान्यता देने के बदले उन्होंने रिश्वत तो नहीं दी ? यदि फीडबैक में पाया गया कि रिश्वत ली गई है तो संबंधित अधिकारी की विजिलेंस जांच करवाई जाएगी। इस सत्र में लगभग तीन हजार स्कूलों को मान्यता दी गई है।
भ्रष्टाचार को खत्म करने और पारदर्शिता बरतने के लिए पिछले दो साल से मान्यता ऑनलाइन दी जा रही है। इसके बावजूद अधिकारी अपना ढर्रा छोड़ नहीं रहे है। बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता के प्रकरण लटकाने वाले 129 खण्ड शिक्षा अधिकारियों को विभाग पहले ही प्रतिकूल प्रविष्टि दे चुका है।
अब मान्यता में भ्रष्टाचार की पकड़ के लिए फीडबैक लिया जा रहा है। इसके तहत मान्यता पाए हुए स्कूलों के प्रबंधकों के पास आईवीआरएस कॉल जाएगी। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (मिड डे मील) के तहत आईवीआरएस के माध्यम से रिपोर्ट ली जाएगी। प्रबंधक के पास कॉल जाएगी और उनका फीडबैक मान्यता पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। फीडबैक देने वाले प्रबंधक की पहचान गुप्त रखी जाएगी। यदि किसी स्तर पर पैसा लिया गया होगा तो विभाग आय से अधिक सम्पत्ति की विजिलेंस जांच करेगा।
बेसिक शिक्षा में मान्यता देने में होता है ‘खेल’
बेसिक शिक्षा विभाग में मान्यता में बहुत खेल चलता है। पैसे के चलते विभागीय अधिकारी-कर्मचारी फाइल को दबाए रखते हैं और पैसा लेकर मानकों की अनदेखी करते हुए नियमविरुद्ध मान्यता दे देते हैं। पिछले दो वर्षों से मान्यता का पोर्टल ऑनलाइन है। इसे जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के तहत शामिल किया गया था और एक महीने के अंदर मान्यता दी जानी है। इसके बावजूद अधिकारी विभिन्न तरीकों से फाइल को अटकाएं रखते हैं।