सरकारी माध्यमिक स्कूलों की नए शैक्षिक सत्र 2023 से ग्रेडिंग की जाएगी। इस ग्रेडिंग में 50 प्रतिशत नंबर विद्यार्थियों के त्रैमासिक, अर्द्ध वार्षिक व वार्षिक परीक्षा के अंकों के होंगे। यानी शैक्षिक गुणवत्ता जितनी बेहतर होगी स्कूलों की ग्रेडिंग उतनी ही अच्छी होगी। बाकी 50 प्रतिशत अंक स्कूल में उपलब्ध संसाधनों व प्रशासनिक व्यवस्था के होंगे। स्कूलों में संसाधन कैसे हैं और वहां अनुशासन के साथ-साथ क्या नव प्रयोग किए जा रहे हैं, इसे भी आंका जाएगा।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी माध्यमिक स्कूलों की ग्रेडिंग के लिए तय किए गए मानकों में परिवर्तन किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही ग्रेडिंग की व्यवस्था की जाए। उन्होंने विद्यालयों में होने वाली परीक्षाओं में सख्ती के साथ-साथ मजबूत निगरानी के भी आदेश दिए हैं।
गुणवत्तापरक शिक्षा और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर वाले स्कूलों को उच्च ग्रेडिंग दी जाएगी। इसके माध्यम से स्कूलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा। गुणवत्तापरक शिक्षा में सुधार के लिए तैयार किए गए परख पोर्टल को विद्या समीक्षा केंद्र से लिंक किया जाएगा। विद्यार्थियों को बेहतर पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने पर पूरा जोर दिया जाएगा। अंग्रेजी, विज्ञान व गणित के लिए हर जिले में विशेषज्ञ शिक्षक तैयार किए जाएंगे और उनके माध्यम से जिले में इन विषयों की बेहतर पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा।
ग्रेडिंग के लिए पहले विद्यालय की बिल्डिंग, पढ़ाई और अन्य गतिविधियों के अलग-अलग नंबर तय किए जा रहे थे लेकिन अब 50 प्रतिशत अंक केवल विद्यार्थियों के प्रदर्शन के होंगे।