लखनऊ,। महाराजगंज के सिसवा बाजार स्थित मदरसा अताउर रसूल के बर्खास्त कार्मिकों को तीन करोड़ रुपये से अधिक की राशि का वेतन भत्ते का भुगतान करवाने का मामला अब तूल पकड़ गया है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इस मामले में बर्खास्त कार्मिकों को आगे वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है, जिसके बाद अब इन बर्खास्त कार्मिकों को सरकारी खजाने से वेतन भुगतान की जिम्मेदारी तय किए जाने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया।
मामले में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक विशेष सचिव, एक समीक्षा अधिकारी और महाराजगंज के तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। इस मदरसे के प्रबंधक आशिक अली राईनी ने शपथ पत्र के साथ एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है। इसमें कहा कि मदरसे की प्रबंध समिति ने शहाबुल्लाह, मो. मोइनुद्दीन, मजहर अली व रौशन अली की सेवाएं 2006 व 2008 में अनुशासनहीनता में समाप्त कर दी थीं। मदरसे के प्रबंधक आशिक अली राइनी ने इस मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।