बुलंदशहर,
परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील में शिक्षक दुकानदारों के कर्जदार हो गए। करीब नौ माह से शिक्षक अपनी जेब और उधारी से बच्चों को मध्याह्न भोजन खिला रहे थे, जिसके बाद शासन ने 16 करोड़ रुपये का बजट स्कूलों के लिए जारी किया है। शिक्षक अब इस बजट से उधारी को भरेंगे और जिन शिक्षकों पैसा लगा है उनकी भी भरपाई होगी।
बीएसए ने ब्लॉकवार सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से उपभोग मांगे हैं, जिससे सभी का बकाया भुगतान हो सके। बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले शिक्षकों को प्रत्येक दिन खाने में मिड डे मील दिया जाता है। इसके लिए शासन ने प्रत्येक सत्र में बजट जारी होता है। 2.79 लाख बच्चों के लिए 16 करोड़ से अधिक का खर्चा जिले में होता है। वर्ष 2022-23 में मार्च माह से यह बजट आना था, मगर नवंबर में जाकर शासन ने यह बजट भेजा है। बताया गया कि शिक्षक दुकानदारों से उधार ले रहे थे, या फिर स्वयं अपने खर्चें से कर रहे थे। ऐसे में शिक्षक दर्जदार हो गए। हालांकि अब शासन ने बजट जारी कर दिया है तो यह शिक्षकों को मिल जाएगा।
छात्र संख्या के आधार पर होगा भुगतान
विभाग के अनुसार स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील छात्र संख्या के आधार पर दिया जाता है। ऐसे में विभाग ने जो उपभोग मांगा है वह छात्र संख्या के हिसाब से होगा और इसी के माध्यम से खर्चा दिया जाएगा। यदि शिक्षक ने किसी दुकानदार से उधार लिया होगा, तो उसे वहां के बिल देने होंगे। 16 करोड़ के बजट में से काफी उपभोग का भुगतान विभाग द्वारा कर दिया गया है। बीएसए ने बताया कि शिक्षक जल्द से जल्द उपभोग जमा करा दें, जिससे उनका भुगतान हो सके।
मिड-डे मील के लिए 16 करोड़ का बजट आ गया है। जिन शिक्षकों के बिल आ रहे हैं उनका भुगतान हो रहा है। बजट देरी से आया है तो यह समस्या आई है। शिक्षक दुकानदारों का भी भुगतान कर दें। नियमानुसार ही प्रत्येक स्कूल को बजट भेजा जाएगा।
बीके शर्मा, बीएसए