गोंडा। ठंड का असर पढ़ाई पर देखने लगा है। डेढ़ लाख बच्चे अब स्कूल नहीं आ रहे हैं। एमडीएम की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों की उपस्थिति में बड़े स्तर पर गिरावट आई है। डेढ़ लाख बच्चे स्कूल आने से कतरा रहे हैं। महानिदेशक स्कूली शिक्षा की बैठक में मौसम को देखते हुए छात्रों की घट रही संख्या की जानकारी दी गई है। एधर, डीएम ने स्वास्थ्य व परिवहन विभाग के अधिकारियों को सतर्क किया।
जिले के परिषदीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में कमी आई है। ऑनलाइन सर्वे में खुलासा हुआ है कि स्कूलों में हरदिन छात्रों की संख्या घट रही है। चार लाख 21 हजार छात्रों में डेढ़ लाख के करीब बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। इसके पीछे सुबह घटना कोहरा होना बताया जा रहा है। सुबह दस बजे के बाद कोहरा कम हो जाता है और फिर तेज धूप होती है। सुबह छात्रों का घर से स्कूल जाने में दिक्कत हो रही है।
शिक्षक सतीश पांडेय कहते हैं कि छात्रों को सुबह घर से निकलने में समस्या है, इसलिए समय परिवर्तन की मांग की जा रही है। फिलहाल अधिकारी चुप्पी साधे हैं। प्रभारी बीएसए राम खेलावन सिंह ने कहा कि छात्रों की उपस्थिति में कमी पर खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। साथ ही समय परिवर्तन मौसम की स्थिति को देखकर किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
अधिक कोहरा होने पर यात्री वाहनों का न हो संचालन
कोहरे की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। परिवहन विभाग, चिकित्सा विभाग एवं पुलिस विभाग को मिलकर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के निर्देश दिए हैं।
डीएम डॉ. उज्जवल कुमार ने एआरटीओ को निर्देश दिए कि चीनी मिलों में गन्ना लेकर आने वाले वाहनों, पेट्रोल पंप पर ईंधन के लिए आने वाले वाहनों, रोडवेज की बसों, प्राइवेट यात्री बसों, खनन में लगे वाहन, भट्ठों पर ईंट ढोने वाले आदि सभी वाहनों के पीछे रेट्रो रेफ्लेक्टिव टेप लगाया जाए। उन्होंने सड़कों के किनारे पेंट की हुई सफेद पट्टियों के धूमिल होने पर पुन: पेंट कराने, सड़क किनारे यातायात संबंधी होर्डिंग लगाने, दुर्घटना बाहुल्य वाली सड़कों की जांच कराकर सुधार कराने को कहा है। कहा कि अधिक कोहरा होने पर यात्री वाहनों का संचालन न किया जाए।
उन्होंने एएसपी को निर्देश दिये कि सड़कों के किनारे खड़े वाहनों, दोपहिया वाहनों पर तीन सवारी बैठाने वाले, हेलमेट न लगाने वाले, शराब पीकर वाहन चलाने पर कार्रवाई की जाए। सभी सीएचसी पर 24 घंटे इमरजेंसी सेवा के लिए डॉक्टर सतर्क रहें।