एडेड और संस्कृत विद्यालय रेस से बाहर
प्रोजेक्ट अलंकार के तहत राजकीय विद्यालयों के लिए तो बजट जारी हो गए, लेकिन सहायता प्राप्त माध्यमिक व संस्कृत विद्यालय विकास की रेस से बाहर हैं। शासन ने इन स्कूलों के लिए प्रस्ताव मांगा था। 50 प्रतिशत रुपये सरकार और शेष 50 फीसदी स्कूल प्रबंधन को वहन करना था। लेकिन प्रबंधकों के हाथ खींचने के कारण इन स्कूलों में काम नहीं हो पा रहा।
संगमनगरी में दो जीजीआईसी को चुना गया
जिले में दो स्कूलों राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिविल लाइंस व फूलपुर को चुना गया है। सिविल लाइंस के लिए 12.50 लाख जबकि फूलपुर के लिए 1.56 लाख रुपये की मंजूरी मिली है। हालांकि जीजीआईसी फूलपुर में काफी काम होना है और बजट पर्याप्त नहीं है। इसके लिए विधायक प्रवीण पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश के 144 राजकीय विद्यालयों को 16.64 करोड़ रुपये से संवारा जाएगा। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत प्रदेश सरकार ने इन स्कूलों में बाउंड्रीवाल, गेट, रैंप, शौचालय आदि कार्यों के लिए बजट जारी किया है। 71 जिलों के दो-दो स्कूलों को चुना गया है, जबकि अलीगढ़ और संत कबीरनगर के एक-एक स्कूलों के लिए बजट मिला है। जिलाधिकारी की ओर से गठित तीन सदस्यीय टास्क फोर्स कार्यों की गुणवत्ता की जांच करेगी। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक हर 15 दिन में जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक हर सप्ताह भौतिक निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेन्द्र देव ने 14 दिसंबर के अपने पत्र में साफ किया है कि गुणवत्ता में कमी मिलने पर डीआईओएस जिम्मेदार होंगे। सूत्रों के अनुसार प्रोजेक्ट अलंकार के तहत ही पिछले साल लैप्स हो गए 200 करोड़ रुपये का बजट फिर से जारी होने की संभावना है। वह राशि जारी होने पर राजकीय स्कूलों में और बड़े काम हो सकेंगे।