सोनभद्र : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 26 वर्षों से बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी करने के आरोपी प्रधानाध्यापक को सोनभद्र बीएसए ने निलंबित कर दिया है। पुलिस विभाग की ओर से जांच में प्रथम दृष्टया आरोपों की पुष्टि के बाद पिछले दिनों सीओ ने दुद्धी कोतवाली में उसके विरुद्ध केस दर्ज कराया था।
पुलिस विभाग को ट्विटर पर भेजी गई शिकायत में कंपोजिट विद्यालय दिघुल के प्रधानाध्यापक उमेश राय पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। शिकायतकर्ता का कहना था कि विद्यालय में तैनात व्यक्ति वास्तव में संत कबीरनगर जिले के धनघटा क्षेत्र का निवासी राजेंद्र प्रसाद है, जिसने उमेश राय के नाम से जाली दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल की है। उसके शैक्षणिक प्रमाण पत्र भी फर्जी हैं।
बीएसए ने बीईओ को सौंपी थी जांच
सीओ आशीष मिश्र ने प्रकरण की जांच करते हुए शैक्षणिक अभिलेख जारी करने वाले विद्यालय, संत कबीरनगर जिले की रीठी ग्राम पंचायत सहित अन्य स्थानों पर छानबीन की तो आरोपों की प्रथम दृष्टया पुष्टि हुई। इस पर सीओ ने पिछले दिनों दुद्धी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। बीएसए ने इसकी जांच बीईओ को सौंपी।
बीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को आरोपी प्रधानाध्यापक उमेश राय को निलंबित कर दिया गया। बीएसए हरिबंश कुमार ने बताया कि बीईओ की जांच आख्या और दुद्धी थाने में दर्ज एफआईआर के आधार पर निलंबित कर दिया है। वहीं प्रकरण की विस्तृत जांच खंड शिक्षा अधिकारी चतरा को दी गई है।