लखनऊ। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में का चौथी से तक के बच्चों को 2023- 24 में निशुल्क पठ्यपुस्तकों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा हिंदी. उर्दू व अंग्रेजी माध्यम को किताबें समय से खरीदने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई। सभी बीएसए को अनुवाद प्रकाशकों को पुस्तकों व कार्य पुस्तिकाओं का क्रय आदेश दो जनवरी तक बारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रकाशकों को पुस्तकों की आपूर्ति के लिए 28 दिसंबर 2022 से 90 दिन का समय दिया गया है। यानी मार्च 2023 तक आपूर्ति करनी होगी। जबकि कार्य पुस्तिकाओं की आपूर्ति की अंतिम तिथि 28 दिसंबर 2022 से 120 दिन के अंदर की तय की गई है। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए है।
इसके मुताबिक परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अराजक विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों और समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों व सहायता प्राप्त मदरसों में पड़ रहे बच्चों को निशुल्क किताबें कार्य पुस्तिकाएं मुहैया कराई जाएगी इसका खर्च समग्र शिक्षा अभियान द्वारा वहन किया जाएगा। सभी सार क्रम आदेश विद्यार्थियों की वास्तविक संख्या के आधार पर देंगे। वास्तविक से अधिक संख्या के लिए क्रय आदेश के लिए बीएसए जिम्मेदार होगे।
पुस्तकों की आपूर्ति के बाद जिले में उनके भंडारण व विद्यालय क वितरण के लिए दुलाई आदि को स्था निर्धारित कर दी गई है। सभी बीएसए को निर्धारित व्यवस्था के क्रियान्वयन को जानकारी लगातार पाठ्यपुस्तक अधिकारी को अपडेट करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
कक्षा तीन तक की किताबों के बारे में भी निर्णय जल्द
अगले सत्र से तीन तक एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई कराने का पहले से प्रस्ताव है। इसलिए इस बारे शासन से निर्माण प्रकाशन व खरीद की कार्रवाई बाद में होगी। एक से तीसरी तक की किताबों के प्रकाशन व खरीद की कार्रवाई बाद में होगी।
वर्तमान सत्र में बिगड़ी रही पुस्तक वितरण की व्यवस्था
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आगामी शैक्षिक सत्र में पुस्तकों के वितरण करे व्यवस्था में सुधार हुआ उगी क्योंकि कई साल से ग्रह हुर्तमान में जून माह में पुस्तकें खरीद के लिए कम्पदिश के निर्देश दिए गए थे। प्रकाशकों की सात जून से 90 दिन में पुस्तकों को का मौका दिया गया पर सितंबर में तमिमा होने के बाद भी पुस्तकों की आपूर्ति चलती रही। विभाग अभी तक जिलों से पाठ्यपुस्तक पुस्तिकाओं के वितरण का ब्योरा मांग रहा है।