लखनऊ। कैशलेश स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रीमियम का विभिन्न शिक्षक संगठनों ने विरोध किया है।
उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि प्रीमियम का आधा खर्च सरकार को उठाना चाहिए क्योंकि यदि शिक्षामित्र पांच लाख रुपये की पॉलिसी पति-पत्नी, माता-पिता व दो बच्चों के लिए लेगा तो उसे 58000 रुपये जमा करने होंगे जबकि उसे पूरे साल में सिर्फ 1.10 लाख ही मानदेय मिलता है। ऐसे में वह परिवार को भरण-पोषण कैसे कर पाएगा।
उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा है कि शिक्षामित्र दस हजार महोने के मानदेय में परिवार नहीं चला पा रहे हैं। इसलिए उनका प्रीमियम पूरा माफ किया जाए। इससे उनके परिवार को सुरक्षा मिल सकेगी। राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ के नवीन त्रिपाठी ने कहा है यह योजना सिर्फ छलाच्छ है। इससे सस्ते कई प्लान तो बाजार में ही उपलब्ध है। ब्युरो