लखनऊ, देश में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई नियम कानून हैं। इसमें से कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश का प्रावधान है। अगर आप भी एक कामकाजी महिला है तो आज हम आपको मातृत्व अवकाश से जुड़े सभी नियम और कानून के बारे में बताने जा रहे हैं।
मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) क्या है
गर्भावस्था के दौरान महिलाएं मातृत्व अवकाश या मैटरनिटी लीव की सुविधा दी जाती है। बच्चे के जन्म और उसकी शुरुआती देखभाल के लिए महिलाओं को यह छुट्टी दी जाती है।
मातृत्व अवकाश के लिए कौन पात्र है
सभी गर्भवती महिलाएं मातृत्व अवकाश के लिए पात्र होती हैं। इसके साथ ही यदि कोई महिला 3 महीने से कम उम्र के बच्चे को गोद लेती है, तो वह 12 सप्ताह की छुट्टी की पात्र होती है।
क्या मातृत्व अवकाश के दौरान पूरा वेतन मिलता है
महिलाओं को इस अवकाश के दौरान कोई समस्या न हो इसके लिए कंपनी पैसों का भुगतान भी करती है। यानि मातृत्व अवकाश के दौरान महिलाओं को उनकी पूरी सैलरी दी जाती है। मातृत्व अवकाश जिस दिन से शुरु होता है और जब खत्म होता है उस दिन तक सैलरी दी जाती है।
मातृत्व अवकाश संशोधन अधिनियम 2017 क्या है
मातृत्व लाभ संशोधन अधिनियम 2017 के तहत इस अवकाश का लाभ वो ही महिलाएं उठा सकती है जिसने कर्मचारी के रूप में मौजूदा कंपनी में पिछले एक साल में 80 दिन तक काम किया हो।
अवकाश की अवधि के दौरान भुगतान दैनिक मजदूरी (Daily Wages) पर आधारित होता है।
मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 के अनुसार गर्भवती महिला 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश की पात्र होती है।
यह प्रसव की अनुमानित तिथि से आठ सप्ताह पहले से शुरू हो सकती है। लेकिन इस अवकाश के साथ कुछ शर्तें जुड़ी हैं।
महिलाएं पहली दो गर्भावस्थाओं के लिए ही यह अवकाश ले सकती हैं। अगर तीसरा बच्चा होने जा रहा है तो इस अवकाश की अवधि सिर्फ 12 सप्ताह की होती है।
मातृत्व अवकाश की अवधि कितनी है
इस अधिनियन के तहत महिलाएं मातृत्व अवकाश डिलीवरी की अनुमानित तारीख से आठ हफ्ते पहले और डिलीवरी होने के बाद ले सकती हैं। इसी के साथ जो महिलाएं तीसरे बच्चे को जन्म दे रही हैं वो डिलीवरी से 6 हफ्ते पहले और 6 हफ्ते बाद मातृत्व अवकाश ले सकती हैं। इसके अलावा बच्चा गोद लेनी वाली महिलाएं इस लीव को गोद लेने की तारीख से शुरू कर सकती हैं।
मातृत्व अवकाश की अवधि पूरी होने पर क्या होता है
मातृत्व अवकाश की अवधि खत्म हो जाए, तब मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 घर से काम करने के (Work From Home) प्रावधानों की भी इजाजत देता है। लेकिन यह आपके काम की प्रकृति पर निर्भर करता है। बच्चा होने से पहले ही आप घर से काम करने की संभावना के बारे में अपने नियोक्ता से बात कर लें।
क्या प्रेग्नेंट होने पर नियोक्ता मुझे जाब से से हटाया सकता है
सिर्फ गर्भवती होने की वजह से किसी भी महिला कर्मी को नौकरी से हटाना कानून के खिलाफ है। यादि कोई नियोक्ता ऐसा करता है तो महिलाएं इसके लिए कोर्ट का सहारा ले सकती हैं।
क्या मातृत्व अवकाश से पहले गर्भवती महिलाएं ले सकती हैं सिक लीव
कानून आपको एक महीने की सिक लीव (बीमारी की छुट्टी) लेने की भी इजाजत देता है। इसमें शर्त होती है कि आपकी बीमारी या वह समस्या जिसके लिए आपको छुट्टी लेनी पड़ी वह आपकी गर्भावस्था, प्रसव अथवा समय से पहले जन्म की वजह से हो। इस एक महीने के दौरान आप अपना नियमित वेतन पाने की हकदार होती हैं।