प्रयागराज : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों, प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों का स्थानांतरण अब आनलाइन होना है। स्थानांतरण के लिए जिन लोगों ने पूर्व में आवेदन किया था, उनका सत्यापन एक जनवरी तक होना था लेकिन महीने भर में भी पूरा नहीं हुआ है। सत्यापन की फाइल जिला विद्यालय निरीक्षकों के पास लंबित है।
एडेड माध्यमिक विद्यालयों में स्थानांतरण की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए आनलाइन प्रक्रिया लागू की गई है। शासन ने 14 जून 2019 को इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 के अध्याय तीन के विनियम 55 से 61 तक में संशोधन करते हुए आनलाइन स्थानांतरण की व्यवस्था की थी। नियम में संशोधन के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से 2021 में आवेदन लिए गए थे। उस समय 73 प्रधानाचार्यों, 59 प्रधानाध्यापकों, 155 प्रवक्ता और 769 सहायक अध्यापकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। तब एडेड विद्यालयों के प्रबंधकों ने इसका विरोध किया। इसके खिलाफ हाई कोर्ट गए। लेकिन, हाई कोर्ट ने 2022 में आनलाइन स्थानांतरण की मंजूरी दे दी मंजूरी मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने फिर से प्रक्रिया शुरू कर दी। चूंकि आवेदन लिए वर्ष भर से अधिक हो गए थे, इसलिए 29 दिसंबर को उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक राम चेत ने सभी जिला
विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) को तीन दिन में ई-मेल पर सत्यापन रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था। सत्यापन हो जाता तो इस सत्र के समापन पर स्थानांतरण कर दिया जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उप शिक्षा निदेशक ने बताया कि अब तक कुछ जिलों से ही रिपोर्ट आई है।
आफलाइन लिया जा रहा है आवेदन एडेड माध्यमिक विद्यालयों में स्थानांतरण आनलाइन होने हैं। फिर भी निदेशालय में आफलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। निदेशालय के बाबू और अफसरों की मिलीभगत से यह खेल चल रहा है। इससे पहले सितंबर 2022 में कइयों का आफलाइन स्थानांतरण कर दिया गया है। इसको लेकर कई आरोप भी लगे थे.
आफलाइन स्थानांतरण में हुआ था खेल: करीब चार वर्ष पहले आफलाइन स्थानांतरण के दौरान तीन लोग फर्जी तरीके से शिक्षक बना दिए गए थे। बरेली के एक स्कूल से स्थानांतरण का फर्जी प्रपत्र दिखाते हुए प्रत्यूष झा ने अंबेडकर नगर, उत्कर्ष झा ने हरदोई और जितेंद्र यादव ने मैनपुरी के स्कूल में शिक्षक पद पर ज्वाइन कर लिया था और वेतन लेने लगे।