लखनऊ। प्रदेश के शिक्षण संस्थानों की कक्षा 10 से नीचे की कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों का वजीफा फंस गया है। समाज कल्याण विभाग ने इन्हीं कक्षाओं के अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं के साथ ही कक्षा 10 से ऊपर के बच्चों के वजीफे का वितरण शुरू कर दिया है।
अब तक 7 लाख 22 हजार बच्चों को वजीफे की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की भी जा चुकी है। मगर राज्य का पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय अभी यह प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया है।
अब इस अनिर्णय की स्थिति में विभागीय मंत्री को दखल देना पड़ा है। उन्होंने सोमवार को विभाग के संबंधित अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। दरअसल, यह नौबत पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय द्वारा इन बच्चों को वजीफे की राशि की दर तय न कर पाने की वजह से वजीफा फंस गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने प्राइम मिनिस्टर यंग एचीवर्स स्कॉलरशिप अवार्ड स्कीम फार वाइब्रेण्ट इण्डिया शुरू की है।
इस योजना के तहत आर्थिक रूप से पिछड़े (ईबीसी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के साथ अधिसूचित व घूमंतू जातियों के कक्षा 10 से नीचे के पाठ्यक्रमों में वजीफे की राशि 4 हजार रुपये कर दी है जबकि प्रदेश के पिछड़ा वर्ग निदेशालय द्वारा इन बच्चों को 2250 रुपये की दर से वजीफा दिया जाता है। अब निदेशालय को निर्णय लेना है कि वह केंद्र द्वारा तय की गई नई दर से वजीफा बांटे या फिर पुरानी दर से…।
पिछले 25 दिन से फाइल पर चल रहा मंथन
पिछले 25 दिनों से फाइल पर मंथन चल रहा है। मगर फैसला नहीं हो पा रहा है जबकि आगामी 24 जनवरी को यूपी दिवस के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक बच्चों को छात्रवृत्ति वितरित करने वाले हैं। इस बारे में हिन्दुस्तान ने राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेन्द्र कश्यप से बातचीत की तो उन्होंने उपरोक्त स्थिति स्वीकार की और कहा कि इस बारे में उन्होंने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें निर्णय ले लिया जाएगा।