सिद्धार्थनगर, जनपद के परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने वाले 4302 शिक्षकों ने अभी तक नई पेंशन योजना को स्वीकार्य नहीं है। निदेशक बेसिक शिक्ष के आदेश के बाद अगले माह इनके वेतन भुगतान का संकट पैदा हो सकता है। इस बार हुए वेतन भुगतान में सीनियर ट्रेजरी अधिकारी ने वित्त एवं लेखाधिकारी से लिखित में लेने के बाद इस माह का वेतन भुगतान किया कि अगले माह वेतन का भुगतान तभी लेंगे जब वह इस योजना को स्वीकार्य कर लेंगे। जनपद में 701 शिक्षकों की तैनाती 2004 के पूर्व की है, इस वजह से नियमानुसार इन्हें पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। जबकि 12 सौ शिक्षक नई पेंशन योजना को स्वीकार्य कर चुके हैं।
परिषदीय स्कूलों में कार्यरत अधिकतर शिक्षक नई पेंशन लेने को तैयार नहीं हैं। शिक्षक संगठन भी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चला रहा है। पर सरकार ने उनकी मांगों को अब तक पूरा नहीं किया है। शिक्षक इस आस में थे कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा, पर कुछ दिनों पहले बेसिक शिक्षा निदेशक विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए की सभी शिक्षकों के प्रान आवंटन कराने का निर्देश जारी किया है।
प्रान का आवंटन होते ही सभी नई पेंशन स्कीम से जुड़ जाएंगे। वित्त लेखाधिकारी ने सभी शिक्षकों को इस माह में हर हाल में प्रान आवंटन कराने को कहा है। विभाग शिक्षक नेताओं से भी कई बार वार्ता कर सहयोग मांगा है। इस संबंध में निलोत्तम चौबे, वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा ने बताया कि शिक्षा निदेशक का आदेश देर से मिला था। इस वजह से सभी शिक्षकों का प्रान आवंटन नहीं हो पाया। ट्रेजरी विभाग को लिखित देने के बाद ही सभी शिक्षकों का वेतन खाते में भेजा गया है।
इस माह के अंत तक सभी का प्रान आवंटन कर दिया जाएगा। इस संबंध में शिक्षक नेताओं से भी वार्ता की गयी है।
नई पेंशन प्रणाली के फायदा गिनाकर शिक्षकों पर जबरदस्ती थोपना उचित नहीं है। यदि एनपीएस फायदेमंद होता तो शिक्षक समाज इसे जरूर अपना लिया होता। पुरानी पेंशन के संघर्ष व आन्दोलन को कमजोर करने का यह कुत्सित प्रयास है। हम सब पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार संघर्ष जारी रखेंगें। एनपीएस के लिए शिक्षकों का वेतन बाधित न हो इसके लिए प्रदेश नेतृत्व प्रयासरत है।
राधेरमण त्रिपाद, प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष उआ प्राथमिक शिक्षक संघ
नई पेंशन योजना असुरक्षित व अलाभकारी है। सरकार को पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी चाहिए। एनपीएस खाता न खुलने पर वेतन बाधित करने का आदेश न्यायोचित नहीं है। सरकार नई पेंशन योजना को जबरदस्ती थोपने का प्रयास कर रही है जिसे संगटन बर्दाश्त नहीं करेगा।
आदित्य कुमार शुक्ला, प्रांतीय संयुक्त मंत्री राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उप
एनपीएस एकबाजारू व असुरक्षित व्यवस्था है जो किशिक्षक कर्मचारियों के भविष्य के लिए बहुत ही घातक है। एनपीएस की जबरन कटौती के आदेश का प्रदेश के सभी शिक्षक कर्मचारी एक स्वर सेविरोध करते है। इस कारण यदि किसी शिक्षक का वेतन बाधित किया जाता है तो हम सब आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे। यह सब पुरानी पेंशन की लड़ाई को कमजोर करने का कुचक्र है।
जनार्दन शुक्ल प्रदेश संयुक्त मंत्री अटेवा
पुरानी पेंशन का विकल्प नई पेंशन योजना कभी नहीं हो सकता है। विभाग को एनपीएस कटौती के लिए शिक्षकों पर दबाव नहीं डालना चाहिए। जब शिक्षकों को नई पेंशन योजना स्वीकार्य नहीं है, तो फिर इसके लिए वेतन रोकने जैसी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। सरकार को पुरानी पेंशन योजना लागू कर देनी चाहिए।
डा. अरुणेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष जूनियर शिक्षक संघ