प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती के लिए इंटरव्यू के कार्यक्रम और परिणाम लगातार जारी कर रहा है, लेकिन परीक्षाओं के माध्यम से होने वाली प्रमुख भर्तियों का अता-पता नहीं है। अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि सीधी भर्तियों पर आयोग का इतना जोर क्यों हैं, जबकि सीधी भर्तियां हमेशा से विवादों में रहीं हैं।
आयोग की ओर से जारी वर्ष 2023 के कैलेंडर में समीक्षा अधिकारी (आरओ) / सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ), एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती, राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता भर्ती को शामिल नहीं किया गया है, जबकि आयोग को पिछले साल ही इन भर्तियों के लिए पदों का अधियाचन मिल चुका है।
प्रतियोगी छात्र सवाल उठा रहे हैं कि जब परीक्षा के माध्यम से होने वाली प्रमुख भर्तियों के लिए पदों का अधियाचन मिल चुका है तो विज्ञापन जारी क्यों नहीं किया जा रहा। इनकी जगह सीधी भर्तियों पर जोर दिया जा रहा है। आयोग हर हफ्ते सीधी भर्ती का परिणाम जारी कर रहा है। सीधी भर्ती के लिए इंटरव्यू के कार्यक्रम भी जारी किए जा रहे हैं।
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि सीधी भर्ती को लेकर अक्सर विवाद होता है। सीधे इंटरव्यू के माध्यम से भर्ती की जाती है। लिखित परीक्षा में तो मूल्यांकन के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन होता है, लेकिन इंटरव्यू में अगर मनमाने अंक दिए गए तो अभ्यर्थी अपनी तरफ से कोई ठोस दावा भी नहीं कर सकते हैं। इसके बावजूद सीधी भर्तियों पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है.