शिक्षकों के पारस्परिक तबादले की राह खुली
शिक्षक संघ ने पारस्परिक तबादला को बताया झुनझुना
पारस्परिक तबादला प्रक्रिया शिक्षकों के संगठन को रास नहीं आई है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि म्यूचुअल तबादले का आदेश झुनझुना के अलाव कुछ नहीं है। इससे शिक्षकों का भला नहीं होगा। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के महामंत्री रणविजय सिंह यदाव कहते हैं विभाग को अगर शिक्षकों का भला करना है तो सामान्य ट्रांसफर नीति को बहाल करे। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री रवींद्र दीक्षित ने कहा कि पारस्परिक तबादला का आदेश देकर विभाग ने सिर्फ शिक्षकों को बहलाने का काम किया है।
कई विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या मानक से ज्यादा
बेसिक शिक्षा में तमाम नियम लागू होने के बावजूद अभी भी सुधार के लिए एक बड़ा स्थान रिक्त है। कहीं छात्र और शिक्षक अनुपात कम है तो कहीं यह अनुपात मानक से अधिक है। आवागमन की सुविधा के लिहाज से सम्पन्न ब्लॉक खैराबाद, सिधौली, मछरेहटा, हरगांव और गोंदलामऊ के कई विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या मानक से अधिक है। इन ब्लॉकों के विद्यालयों में अधिकांश शिक्षक ऐसे हैं जो कि 20-20 वर्ष से एक ही विद्यालय में टिके हुए हैं। उनके सामने म्यूचुअल का प्रस्ताव आते ही उनकी धड़कनें बढ़ जाती हैं।
सीतापुर। प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों के लिए शासन ने पारस्परिक स्थानांतरण की राह खोल दी है। शिक्षक मनचाही तैनाती की जुगाड़ में जुट गए हैं। म्यूचुअल के लिए साथी शिक्षक की तलाश कर रहे हैं। उन्हें राजी करने में सिफारिशों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया डायट प्राचार्य की अध्यक्षता वाली समिति की निगरानी में होगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी समिति के सदस्य सचिव होंगे।
जिले में परिषदीय विद्यालयों की लम्बी श्रंखला है। दो हजार 366 प्राथमिक और 649 जूनियर हाईस्कूल विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में 16 हजार से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं खैराबाद, सिधौली, मछरेहटा, मिश्रिख, सकरन, महमूदाबाद, लहरपुर, बेहटा, पसरेंडी, हरगांव, महोली, पिसावां आदि 19 ब्लॉकों के अलग-अलग विद्यालयों में अध्यापन कर रहे हैं। इनमें से गांजरी क्षेत्र के ब्लॉक सकरन, लहरपुर, बेहटा, पहला, बिसवां और रेउसा के भौगोलिक स्थिति काफी जटिल है। यहां शिक्षक किसी भी हाल में शहर के नजदीकी या फिर रोड साइड के ब्लॉकों में पोस्टिंग कराने के लिए लम्बे समय से जद्दोजहद कर रहे हैं। सरकार ने पारस्परिक स्थानांतरण को खोलकर उनकी राह को कुछ हद तक आसान कर दिया है। गांजरी क्षेत्र के विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने म्यूचुअल के लिए साथी शिक्षकों की तलाश शुरू कर दी है। वे साथी शिक्षकों को राजी करने के लिए सिफारिश भी करा रहे हैं। हालांकि उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही। सुविधा सम्पन्न ब्लॉकों के शिक्षक गांजरी क्षेत्रों में जाने को तैयार ही नहीं हैं। जानकारों की मानें पारस्परिक तबादले में शिक्षकों को कुछ नहीं हासिल होने वाला है, बमुश्किल पांच प्रतिशत तबादले ही हो पाएंगे।