जिले के अंदर तबादले और समायोजन के इंतजार में बैठे परिषदीय शिक्षकों को शासन ने मंजूरी प्रदान कर दी है। जिससे शिक्षकों में खुशी की लहर है, लेकिन इसके बाद भी कई शिक्षक अंतर्जनपदीय (जिले के बहार)तबादले शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि इससे अपने जिले से दूरदराज जनपदों में तैनात शिक्षकों का अपने घर के पास के जनपद में तबादला हो सकेगा और वही विभिन्न संगठनों ने सामान्य तबादले करने की मांग करते हुए इसकी नीति जल्द जारी करने की मांग की है।
कर सकेंगे माता-पिता की देखरेख
शिक्षक संगठनों का कहना है कि बड़ी संख्या में शिक्षक अपने गृह जनपद से दूर अन्य जनपदों में तैनात हैं। कई शिक्षक अपने बूढ़े माता-पिता की देखरेख भी नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षकों का यह भी कहना है कि अंतर्जनपदीय तबादले वरिष्ठता के आधार पर किए जाएं, साथ ही पति-पत्नी जो अलग-अलग जिलों में तैनात हैं उन्हें एक ही जिले में स्थानांतरित किया जाए।
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण नीति करें जारी
शिक्षक संगठनों का कहना है कि अपने मूल ब्लॉक में सैकड़ों रिक्त पद होने के बावजूद हम लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर जनपदों में नौकरी करने को विवश हैं। सरकार को चाहिए कि वह पहले अंतर्जनपदीय (जनपद के बाहर) स्थानांतरण की नीति जारी करें, उसके बाद अंत: जनपदीय (जनकरेंपद के अंदर) स्थानांतरण प्रक्रिया शुरु करें, जिससे सभी शिक्षक अपने गृह जनपद के गृह ब्लॉक में पहुंच सकें और विभागीय कार्यों को सुगमता से संचालित कर सकें