उन्नाव। जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गईं सूचनाएं न देने पर राज्य सूचना आयुक्त ने बीएसए सहित छह बीईओ पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माने की कटौती उनके वेतन से की जाएगी।
सफीपुर कस्बा निवासी अरशद अली ने जन सूचना अधिकार के तहत साल 2019 में अलग-अलग तिथियों में परिषदीय स्कूल में उर्दू शिक्षकों की तैनाती, पंजीकृत उर्दू के छात्र और उन स्कूलों में किताबों की स्थिति की जानकारी बीएसए सहित छह बीईओ से मांगी थी।
नियमानुसार 30 दिन के अंदर सूचना दे देनी चाहिए थी। जब सूचना नहीं मिली तो अरशद ने राज्य सूचना आयोग लखनऊ में शिकायत की। वहां से फिर बीएसए और खंड शिक्षाधिकारियों को नोटिस भेजकर आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे।
आयोग के समक्ष देरी से सूचना देने का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने सभी पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सूचना न देने वालों में बीएसए के साथ पूर्व बीईओ असोहा सुषमा सेंगर, सिकंदरपुर सरोसी आशीष चौहान, बांगरमऊ राजेश कटियार, हिलौली बीईओ अशोक सिंह, बीघापुर की नसरीन फारुकी और बीईओ हसनगंज शामिल हैं।
सूचना मांगने वाले अरशद अली ने बताया कि स्कूलों में उर्दू शिक्षक की तैनाती के बाद भी किताबें नहीं मंगवाई जा रही थीं। इसलिए सूचना नहीं दी गई। बीएसए संजय कुमार तिवारी ने बताया कि मामला पुराना है। राज्य सूचना आयोग ने जुर्माने की रकम वेतन से काटने का आदेश दिया है