हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए सात हजार महिला स्वास्थ्य कार्यकत्रियों (एएनएम) की नियुक्तियों पर एकल पीठ द्वारा लगाई गई रोक हटा दी है। इन पदों पर चयन प्रकिया पूरी कर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयेाग ने महानिदेशक, परिवार कल्याण को अपनी संस्तुति भेज दी थी, लेकिन हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा देने से सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा पा रहा था।
सोमवार को न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने एकल पीठ के 19 अक्टूबर 2022 के आदेश के खिलाफ चयन आयोग की ओर से दाखिल विशेष अपील मंजूर कर ली। राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में प्रदेश में 9212 पदों पर महिला स्वास्थ्य कार्यकत्रियों की नियुक्ति के लिए चयन आयोग को अधियाचन भेजा था। आयोग ने विज्ञापन निकालने और प्री और लिखित परीक्षा के बाद 6 अगस्त 2022 को अंतिम चयन परिणाम घोषित कर दिया था। इसके पश्चात आयोग ने 20 अक्तूबर 2022 को महानिदेशक, परिवार कल्याण को उक्त रिक्त पदों के सापेक्ष 7189 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की संस्तुति भेज दी थी। हालांकि एकल पीठ ने आर्थिक कमजोर वर्ग की पूनम द्विवेदी आदि अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर 19 अक्टूबर 2022 को ही आदेश दे दिया कि इन याचियों को पूर्व में जारी आय प्रमाण पत्र की जगह नए आय प्रमाण पत्र जारी किये जाएं, जिस पर आयेाग निर्णय लेगा और उसके बाद ही चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किये जाएंगे। एकल पीठ के आदेश को आयोग ने दो जजों की खंडपीठ के समक्ष विशेष अपील दाखिल करके चुनौती दी। सरकार द्वारा आयोग की अपील का समर्थन किया गया।