● मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय में सिस्टम लगाने को कोर्ट ने कहा
● कर्मचारियों की लेटलतीफी से कोर्ट में समय पर नहीं पहुंच पाती फाइलें
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय से मुकदमों की फाइलें समय पर न्यायालय में न पहुंचने पर प्रमुख सचिव न्याय को दो सप्ताह के भीतर मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय में बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगवाने का निर्देश दिया है ताकि कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके। कोर्ट ने प्रमुख सचिव को यह भी निर्देश दिया कि फाइल समय से न्यायालय में पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए जो भी आवश्यक कदम हो उठाएं। साथ ही महाधिवक्ता से भी अनुरोध किया कि मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय की कार्यशैली सुधारने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने दिया है। उनके न्यायालय में एक याचिका की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने मुकदमे की सुनवाई यह कहते हुए टालने का अनुरोध किया कि मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय से उस मुकदमे की फाइल अब तक उनके पास नहीं आई है। कोर्ट ने कहा कि कुछ मिनट पहले मुख्य स्थायी अधिवक्ता केआर सिंह इस न्यायालय में उपस्थित थे और उन्होंने आश्वासन दिया था कि फाइलें समय पर आ जाएंगी। इसलिए कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम लगाने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस वक्त 11 बज कर 10 मिनट हुए हैं और अधिकतर मुकदमों की फाइलें अभी तक कोर्ट में नहीं पहुंची हैं। कोर्ट को बताया गया कि मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय के कर्मचारियों के देर से आने के कारण फाइलें समय पर नहीं पहुंच पाती हैं। कोर्ट ने कहा कि पिछले कई मौके पर यह देखा गया है कि फाइल न होने के कारण मुकदमे की सुनवाई टालनी पड़ी। इसका अर्थ यह है कि मुख्य स्थायी अधिवक्ता का कार्यालय ठीक से काम नहीं कर रहा है जिससे फाइलें समय पर नहीं आती हैं। जबकि सरकारी वकील अपने समय पर आ जाते हैं। कोर्ट को यह भी बताया गया कि मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय में अधिकतर कर्मचारी आउटसोर्सिंग से रखे गए हैं इसलिए वे समय पर कार्यालय नहीं आते हैं ।
कोर्ट ने प्रमुख सचिव न्याय को निर्देश दिया कि दो सप्ताह के भीतर मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय में बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लगाना सुनिश्चित करें। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि फाइलें समय पर कोर्ट में पहुंच जाएं। कोर्ट ने महाधिवक्ता से भी अनुरोध किया कि मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय की कार्यशैली सुधारने को आवश्यक कार्रवाई करें। कोर्ट ने प्रमुख सचिव न्याय को 16 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया है।