देश के प्रत्येक ब्लाक से पीएम- श्री (पीएम- स्कूल फार राइजिंग इंडिया) स्कूलों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, बावजूद इसके बिहार, दिल्ली, झारखंड व हिमाचल प्रदेश जैसे आठ राज्यों ने अब तक इसे लेकर किसी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। न ही इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय के साथ करार किया है।
शिक्षा मंत्रालय ने पहले चरण में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित दूसरे राज्यों की और से पीएम- श्री के लिए मिले प्रस्तावों को अंतिम रूप देने को लेकर काम शुरू कर दिया है। इन राज्यों से करीब डेढ़ लाख स्कूलों ने अपनी दावेदारी की है। फिलहाल इस स्कीम के तहत प्रत्येक ब्लाक से दो स्कूलों का ही चयन होना है। इनमें एक प्राइमरी और एक मिडिल स्कूल शामिल होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तेजी से अमल में जुटा शिक्षा मंत्रालय इसके जरिये देश भर में स्कूली शिक्षा का एक नया माडल भी खड़ा करने की तैयारी में है। यह पहल इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसके जरिये वह राज्यों में नीति से जुड़ी सिफारिशों को कैसे अमल में लाना है, इसका भी रास्ता दिखाना चाहता है। इसके तहत चयनित होने वाले प्रत्येक स्कूल को दो करोड़ रुपये की सीधी वित्तीय मदद भी दी जाएगी। इससे वह स्कूल अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बना सकेगा। स्कीम के तहत राज्यों को पहले शिक्षा मंत्रालय के साथ नीति के अमल को लेकर करार करना है। इसके बाद ही राज्य स्कूलों के चयन की प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे। इस दौरान आठ राज्यों को छोड़कर बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से मिले आवेदन पर काम शुरू हो गया है। मार्च अंत तक सात हजार स्कूलों का चयन होगा।