नई दिल्ली: प्रत्येक अभिभावक की चाहत होती है कि उसके बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ें। लेकिन कौन सा स्कूल अच्छा है यह तय करना अभी उसके लिए मुश्किल होता है। फिलहाल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आने के बाद स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूती देने और उसे भरोसेमंद बनाने की दिशा में जुड़े शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एक अहम कदम उठाया है।
जिसके तहत प्रत्येक स्कूल की गुणवत्ता और इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार पर अब एक रैंकिंग तैयार होगी जो विश्वविद्यालयों और कालेजों सहित उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए जारी होने वाली रैंकिंग की तरह ही होगी । राज्यों के साथ मिलकर इसे लेकर तैयारी शुरू हो गई है। इस साल से इस पूरी व्यवस्था को स्कूली शिक्षा में अमल में लाने की तैयारी है।
शिक्षा मंत्रालय ने इस बीच इसके लिए कुछ मानक भी तैयार किए हैं जिसमें स्कूलों की सुरक्षा, मूलभूल ढांचा, सभी विषयों के कक्षावार शिक्षकों की संख्या, वित्तीय स्थिति, इनोवेशन और प्रैक्टिकल क्लास रूम की संख्या, खिलौनों के माध्यम से पढ़ाने और रुचिकर शिक्षा देने से जुड़ी पहल, बच्चों के सीखने की क्षमता में सुधार की स्थिति, स्कूलों का परीक्षा परिणाम व प्रशासनिक क्षमता आदि बिंदुओं को शामिल किया है। खास बात यह है कि स्कूलों की रैंकिंग की पूरी व्यवस्था आनलाइन ही होगी।