प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसरों को दो साल में तबादला देने की तैयारी चल रही है। शिक्षकों की मांग पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने शासन को इस बाबत प्रस्ताव भेजा है। हालांकि, शासन स्तर से मंजूरी मिलने के बाद ही इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
प्रदेश भर में 331 अशासकीय महाविद्यालय हैं। हाल ही में विज्ञापन संख्या-50 के तहत प्रदेश भर के तकरीबन दो हजार पदों पर इन महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की गई है। विज्ञापन संख्या-51 के तहत 1017 पदों पर भी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, जो वर्ष 2023 में पूरी हो सकती है। ऐसे में शिक्षक संघ की ओर से लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि नव नियुक्त शिक्षकों को दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद तबादले की सुविधा दी जाए।
वर्तमान में शिक्षकों को प्रथम तैनाती स्थल पर कम से कम पांच वर्ष नौकरी करनी पड़ती है। यह कार्यकाल पूरा करने के बाद ही वह तबादले के लिए पात्र माने जाते हैं। शिक्षक संघ की ओर से इस अवधि को कम करने के लिए लगातार मांग की जा रही है। सूत्रों के मुकाबले शिक्षक संघ की मांग के मद्देनजर उच्च शिक्षा निदेशालय ने उच्च शिक्षा अनुभाग-3 उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्ताव भेजा है कि तबादले की अवधि पांच से घटकर दो वर्ष कर दी जाएगी। अब इस पर शासन को निर्णय लेना है।