प्रयागराज, । शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का आयोजन पहली बार 2011 में माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड ने किया था। 12 साल के सफर के बाद टीईटी अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग कराएगा। 12 साल में टीईटी की जिम्मेदारी तीसरी संस्था को सौंपी जाएगी।
सूबे में परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए यूपी में जुलाई 2011 में आरटीई लागू करते हुए टीईटी अनिवार्य किया गया था। पहली बार 13 नवंबर 2011 को टीईटी आयोजित किया गया। इसमें तीन लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने क्वालीफाई किया था। इस परीक्षा के बाद बेहतर रैंक के लिए सैकड़ों अभ्यर्थियों से लाखों रुपए लेने के आरोप लगे थे। टीईटी में धांधली के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद टीईटी की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) को सौंप दी गई। तब से अब तक टीईटी पीएनपी आयोजित करा रहा है।