ओबीसी आरक्षण के साथ हों निकाय चुनाव कोर्ट
सरकार आरक्षण के बाद कराएगी चुनाव एके शर्मा
लखनऊ। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि ओबीसी समेत सभी वर्गों को आरक्षण देकर ही राज्य सरकार निकाय चुनाव कराएगी। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि ग्लोबल सिटी (जी-सिटी) के मापदंडों पर खरा उतरने के लिए अभी से अभियान शुरू करें।
उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को आरक्षण दिया जाएगा।
योगी ने किया कोर्ट के आदेश का स्वागत
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के संबंध में दिए गए आदेश का हम स्वागत करते हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई समय सीमा के अंतर्गत ओबीसी आरक्षण लागू करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार निकाय चुनाव संपन्न कराने में सहयोग करेगी।
कार्यकाल खत्म होने पर समिति देखेगी काम
लखनऊ। निकायों में मेयर और चेयरमैन का कार्यकाल खत्म होने के बाद त्रिस्तरीय समिति कामकाज देखेगी। समिति नीतिगत फैसला नहीं कर सकेगी वह केवल दैनिक काम करेगी। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने बुधवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने 12 दिसंबर को प्रशासक व्यवस्था को लेकर जारी आदेश को निरस्त कर दिया है। नया शासनादेश जारी करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा है कि 27 दिसंबर 2022 को जारी हाईकोर्ट के आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। समिति जिलाधिकारी की देखरेख में बनाई जाएगी। नगर निगम में नगर आयुक्त व वित्त नियंत्रक व पालिका परिषद और नगर पंचायतों में डीएम के साथ अधिशासी अधिकारी एवं लेखाधिकारी की देखरेख में त्रिस्तरीय समिति बनायी जाएगी जो दैनिक कार्यों की देख रेख करेगी।
महीने में ओबीसी आरक्षण पर करना है फैसला
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जनवरी को समाप्त होगा निकाय कार्यकाल
नई दिल्ली, एजेंसी। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें यूपी सरकार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर संज्ञान लिया। पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक आयोग को 31 मार्च, 2023 तक स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण से संबंधित मुद्दों पर फैसला करना होगा।
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद स्थानीय निकाय मामलों के संचालन के लिए प्रशासकों की नियुक्ति करने की अनुमति दी। उसने कहा कि प्रशासकों के पास महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लेने की शक्तियां नहीं होंगी।
हाईकोर्ट ने मसौदा अधिसूचना रद्द की थी शीर्ष अदालत इससे पहले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर उसकी मसौदा अधिसूचना को रद्द करने और उसे अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का निर्देश देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पांच दिसंबर की मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए आदेश दिया था कि राज्य सरकार चुनावों को तत्काल अधिसूचित करे क्योंकि कई नगरपालिकाओं का कार्यकाल 31 जनवरी तक समाप्त हो जाएगा। अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को मसौदा अधिसूचना में ओबीसी की सीटें सामान्य वर्ग को स्थानांतरित करने के बाद 31 जनवरी तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था।