अंबेडकरनगर। 86 केंद्र व्यवस्थापकों की लापरवाही के चलते लगभग एक वर्ष बाद भी 5600 शिक्षकों को पारिश्रमिक नहीं मिल सका है। इन शिक्षकों ने वर्ष 2022 की यूपी बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी की थी। अब तक मात्र 25 केंद्र व्यवस्थापकों द्वारा ही पारिश्रमिक बिल डीआईओएस कार्यालय को उपलब्ध कराया गया है।
यूपी बोर्ड परीक्षा की उल्टी गिनती प्रारंभ हो चुकी है। फरवरी के मध्य से परीक्षा शुरू होने का अनुमान है। इसके लिए 119 परीक्षा केंद्र तय हैं जबकि लगभग छह हजार कक्ष निरीक्षक की भी तैनाती किए जाने की संभावना है।
परीक्षा के दौरान इसे लेकर शिक्षकों का विरोध सामने आ सकता है। कारण यह कि वर्ष 2022 में हुई बोर्ड परीक्षा में जिम्मेदारी निभाने वाले लगभग 5600 कक्ष निरीक्षकों को अब तक पारिश्रमिक का भुगतान नहीं हो सका है। गौरतलब है कि कक्ष निरीक्षकों को प्रत्येक पाली में ड्यूटी करने के एवज में बतौर पारिश्रमिक 48 रुपये मिलते हैं।
कक्ष निरीक्षकों को भुगतान के लिए केंद्र व्यवस्थापक/प्रधानाचार्य को पारिश्रमिक देय बिल डीआईओएस कार्यालय को उपलब्ध कराना पड़ता है। अब तक मात्र 25 केंद्र व्यवस्थापकों/प्रधानाचार्यों ने ही पारिश्रमिक देय बिल डीआईओएस कार्यालय में जमा किया है जबकि 86 केंद्र व्यवस्थापकों ने बिल ही नहीं जमा किया है।
इसके चलते पिछले वर्ष के लगभग 5600 कक्ष निरीक्षकों का पारिश्रमिक अधर में है। लापरवाही की हद तब है जबकि शासन ने पूर्व में डीआईओएस कार्यालय को पारिश्रमिक भुगतान के लिए 46 लाख रुपये उपलब्ध करा दिए हैं।
जिन केंद्र व्यवस्थापकों ने अब तक पारिश्रमिक देय बिल नहीं जमा किया है, उन्हें जमा करने के लिए चार जनवरी को अंतिम चेतावनी पत्र भेजा गया है। यदि समय पर बिल नहीं जमा किया गया तो पारिश्रमिक बजट शासन को वापस कर दिया जाएगा। साथ ही संबंधित केंद्र व्यवस्थापक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
मनोज गिरि, प्रभारी डीआईओएस/डॉयट प्राचार्य