लखनऊ : प्रदेश के मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों की शिक्षा को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग व उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड में ठन गई है। मदरसा बोर्ड ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग की उस सिफारिश को बुधवार को खारिज कर दिया था, जिसमें आयोग ने ऐसे सभी मदरसों की जांच के लिए कहा था जो कि गैर मुस्लिम बच्चों को दाखिला देते हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अब यूपी मदरसा बोर्ड के इस निर्णय को मूर्खतापूर्ण बताया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि गैर मुस्लिम बच्चों को मदरसों से निकालकर स्कूल भेजने का काम आयोग कानूनी दायरे में करेगा ।
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने आठ दिसंबर को सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर उनको ऐसे सभी मदरसों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे, जिसमें गैर – मुस्लिम बच्चे जहां पढ़ रहे हैं। इसके साथ पत्र में कहा गया था कि गैर मुस्लिम बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराया जाए। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद ने आयोग से अपने पत्र पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था।
मदरसा बोर्ड ने बुधवार को बैठक में बाल संरक्षण आयोग की सिफारिश को खारिज कर दिया था। मदरसा बोर्ड के इस निर्णय पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने काफी नाराजगी जताई है। उन्होंने ट्वीट किया… मदरसे प्राथमिक रूप से इस्लामिक धार्मिक शिक्षा सिखाते हैं, हिंदू या दूसरे गैर इस्लामिक बच्चों का वहां कोई काम नहीं है।