लखनऊ। प्रदेश के 56 जिलों में 10 फरवरी से कृमि मुक्ति अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए तीन चरणों में एक साल से 19 साल की उम्र तक के 7.15 करोड़ बच्चे व किशोरों को पेट में कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी।
अभी तक प्रदेश में एक दिन का अभियान चलाया जाता था, लेकिन अब इसे तीन चरणों में चलाने की योजना है। इसमें इसे तीन चरणों में चलाने की योजना है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ शिक्षा और पंचायती राज समेत 11 विभागों की मदद ली जाएगी।
स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से एक वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चों को दवा दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में छह से 19 वर्ष तक के किशोरों को दवा खिलाएगी। इसमें संबंधित स्कूल के शिक्षकों को भी जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि यह दवा चबाकर खानी है। टीम दवा अपने सामने खिलाएगी। किसी भी बच्चे या परिजन को बाद में खाने के लिए नहीं दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि सर्दी, खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ होने पर दवा नहीं दी जाएगी। यदि बच्चे या परिवार के सदस्य को कोविड संक्रमण है तो क्वारंटीन अवधि समाप्त होने के बाद ही दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने सभी जिलों में दवाएं भेज दी हैं। अतिरिक्त खुराक की जरूरत होने पर सीएमओ को तत्काल जानकारी देनी होगी।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हर वर्ष दो बार पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाती है। पेट में कीड़े होने के चलते बच्चे और किशोरों में खून की कमी हो जाती है, दरअसल कीड़े पूरा पोषण खा जाते हैं और बच्चे कुपोषण का शिकार होने से एनीमिक हो जाते हैं।
आयोजन के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत एक से पांच वर्ष तक के बच्चों और छह से 19 वर्ष तक के स्कूल न जाने वाले बच्चों और घूमंतु व ईट भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से एलबेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा छह से 19 वर्ष तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को शिक्षकों के माध्यम से और किशोर जुबेनाइल होम में प्रभारी अधीक्षक से माध्यम से पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी।
एक से दो वर्ष तक के बच्चों को 200 मिग्रा, यानि आधी गोली व दो से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को 400 मिग्रा, यानि पूरी गोली खिलाई जानी है। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है जबकि बड़े बच्चे इसे चबाकर खा सकेंगे।
10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर जो बच्चे किसी कारणवश गोली खाने से वंचित रह जाएंगे, उन्हें 13 से 15 फरवरी तक मॉपअप राउंड आयोजित कर एलबेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी।