प्रयागराज, अर्हता एवं अन्य विवादों के कारण तमाम भर्तियां पूरी नहीं हो सकीं और नौकरी के इंतजार में अभ्यर्थियों का पूरा साल बीत गया। इनमें एलटी ग्रेड हिंदी विषय के चयनित अभ्यर्थी, असिस्टेंट प्रोफेसर विधि के अभ्यर्थी, अपर निजी सचिव भर्ती के अभ्यर्थी और कई अन्य भर्तियों के अभ्यर्थी शामिल हैं। इन अभ्यर्थियों को अब नए साल में राहत मिलने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की
ओर से वर्ष 2018 में एलटी ग्रेड शिक्षक के 10768 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था यह भर्ती 15 विषयों में होनी थी। हिंदी विषय में 1433 पद थे, जिनमें पुरुष वर्ग के 696 एवं महिला वर्ग के 737 पद थे।
आयोग ने सभी विषयों का चयन परिणाम भी जारी कर दिया, लेकिन इसी हिंदी विषय में अहंता के विवाद के कारण तकरीबन 474 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति फंसी हुई है।
वहीं, कला विषय में एलटी ग्रेड शिक्षक के 470 पद थे। इनमें पुरुष वर्ग के 192 और महिला वर्ग के 278 पद शामिल थे। इस विषय में भी अहंता के विवाद के कारण तकरीबन 90 चयनित अभ्यर्थियों की फाइलें माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में अटकी हुई हैं। आयोग की ओर से निदेशालय को दो बार संस्तुति भेजी गई है, लेकिन निदेशालय को अब शासन से दिशा- निर्देश मिलने का इंतजार है। वहीं, अभ्यर्थी नियुक्ति के इंतजार में भटक रहे हैं।
तरह पिछले साल अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या- 50 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन दो हजार पदों पर भर्ती की गई। प्रश्नों के विवाद के कारण आयोग को विधि की लिखित परीक्षा का परिणाम संशोधित करना पड़ा। असिस्टेंट प्रोफेसर विधि के 41 पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू चार एवं पांच जनवरी को प्रस्तावित है अभ्यर्थियों को अब नए साल में नियुक्ति मिलेगी.
इसके अलावा अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती परीक्षा-2013 के मामले में भी परीक्षा निरस्त किए जाने के बाद प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया गया। अभ्यर्थी साल भर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के चक्कर काटते रहे।
अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि वर्ष 2023 में इस भर्ती को लेकर कोई निर्णय होगा। इस भर्ती के आवेदकों में कई अब ओवरएज हो चुके हैं और उनके लिए भविष्य के रास्ते भी बंद हो चुके हैं।