यूपी के 33 हजार से ज्यादा किसानों को योगी सरकार ने नए साल का तोहफा दिया है। प्रदेश के 33408 किसानों का कर्ज माफ करने का शासनादेश जारी हो गया है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शनिवार को वाराणसी में इस बारे में जानकारी दी। शाही ने बताया कि 2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद कैबिनेट में किसानों की कर्ज माफी का निर्णय लिया गया था। इसके तहत लाखों किसानों के कर्ज माफ हुए थे। उस दौरान किन्ही कारणों से छूट गए 33408 किसानों के भी 190 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया जाएगा। सरकार ने इस बारे में 5 जनवरी को गजट जारी कर दिया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि 2023 को पूरा विश्व अंतर्राष्ट्रीय मिलेट (मोटा अनाज) वर्ष के रूप में मनाने जा रहा है। यूपी में 15 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका शुभारंभ करेंगे। इसके बाद सरकार मिलेट उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर देगी।
चार दिनी दौरे पर बनारस पहुंचे कृषि मंत्री ने सर्किट हाउस में प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने अगले 4 वर्ष में 68 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मिलेट के पैदावार का लक्ष्य रखा है। जिसे पूरा करने के लिए हम किसानों को जागरूक करेंगे।
घर-घर जाकर इसके महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान वर्ष में मिलेट के रूप में बाजरा की खरीद का एमएसपी तय हुआ है। जो 2350 रुपये प्रति कुंतल है।अगले वर्ष सावा, कोदो, ज्वार अन्य सभी मिलेट का भी मूल्य तय किया जाएगा।
दलहनी व तिलहनी फसलों के उत्पादन से किसान होंगे आत्मनिर्भर
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के अभियान में कृषि विभाग भी अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रहा है। इसके लिए हम किसानों को दलहनी व तिलहनी फसलों के उत्पादन के लिए जागरूक कर रहे हैं। इसके तहत 9.50 लाख किट दलहल व तिलहन के बीज किसानों को उपलब्ध कराया गया है। इससे किसान कम लागत व कम मेहनत में अच्छी फसल उत्पादन कर आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
विधानसभा चुनाव के बाद कर्ज माफी का फैसला
यूपी में 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया गया था। इसके तहत 25 मार्च 2016 से पहले किसानों द्वारा लिए गए 1 लाख तक की रकम वाले पुराने कर्जों का माफ करने की योजना थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी सरकार की कर्ज माफी योजना के तहत 2023 तक किसानों की लिस्ट जारी की जा सकती है। इसमें 80 लाख किसानों के नाम आने की संभावना है। हालांकि, इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो योजना के नियम और शर्तों के अनुकूल होंगे।
हर साल कभी बारिश तो कभी सूखा के कारण फसल बर्बाद हो जाती है। इस साल भी खरीफ सीजन में ऐसा ही मंजर देखने को मिला। इस बीच जो किसान खेती से उत्पादन नहीं ले पाए या मौसम की प्रतिकूलताओं से फसल नष्ट हो गईं है, तो उन्हें इस कर्ज माफी की लिस्ट में शामिल किया जाता है। इन किसानों की सूची जिलाधिकारी बनाते हैं, जो सरकार को भेज दी गई है।
कर्ज माफी के लिए क्या हैं नियम
उत्तर प्रदेश किसान कर्ज राहत योजना का लाभ लेने के लिए किसान यूपी का मूल निवासी होना चाहिए
इसका लाभ 5 हेक्टेयर तक की जमीन वाले सीमांत किसानों को ही मिलेगा
किसान की आय का जरिया सिर्फ खेती हो
आर्थिक तंगी के चलते 1 लाख तक के लोन की भरपाई करने में असमर्थ हो
किसान का लोन साल 2016 से पहले का होगा, तभी कर्ज माफी का लाभ मिल सकता है
यहां चेक करें अपना नाम
उत्तर प्रदेश सरकार की किसान कर्ज राहत योजना के तहत अभी तक राज्य के 86 लाख किसान कर्ज मुक्त हो चुके हैं। इस लिस्ट में अपना नाम चेक करने के लिए www.upkisankarjrahat.upsdc.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।