नई दिल्ली, प्रेट्र सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि सरकारी कर्मचारी पति की मृत्यु के बाद उसकी विधवा द्वारा गोद लिया गया बच्चा पारिवारिक पेंशन का हकदार नहीं होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि हिंदू अडोप्शन एंड मेंटीनेंस एक्ट, 1956 की धारा आठ व 12 हिंदू महिला को पुत्र या पुत्री को गोद लेने का अधिकार देती है। हालांकि ऐसा वह अपनी पति की सहमति से नही कर सकती है, लेकिन विधवा व तलाकशुदा महिला के मामले में ऐसी कोई शर्त नहीं है।
जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने बांबे हाई कोर्ट के 30 नवंबर, 2015 के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन), रूल्स, 1972 के नियम 54 (14) (बी) के तहत कर्मचारी की विधवा द्वारा गोद लिया गया बच्चा पारिवारिक पेंशन का हकदार नहीं होगा। इस प्रविधान का मकसद परेशानी में आ गए पुत्र को 25 वर्ष की आयु तक और अविवाहित या विधवा या तलाकशुदा पुत्री को मदद उपलब्ध कराना है।