सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटेट) में शनिवार को दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने पहुंची पांच महिला सॉल्वरों को पकड़ लिया गया। पुलिस ने इन्हें जमानत तो दे दी पर मामले की तह तक पहुंचने के लिए एसटीएफ को लगा दिया गया है।
एसटीएफ ने दो दिन पहले बंथना स्थित सुल्तान फाउंडेशन परीक्षा केंद्र से एक सॉल्वर व एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तब से परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक व स्टाफ सतर्क थे। शनिवार को केंद्र पर पहुंची तीन युवतियों शीलू, संगीता व रुचि के कागजात संदिग्ध मिलने पर एसटीएफ को सूचना दी गई।
पुलिस की कड़ाई से पूछताछ में तीनों ने सॉल्वर होने की बात कुबूल की। इनके जरिए ही पता चला कि एपी कंप्यूटर्स परीक्षा केंद्र सैदपुर में सोनू कुमारी की जगह पर जूली व सिस्टा कम्यूनिकेशन में सविता की जगह एक अन्य महिला परीक्षा देने पहुंची है। उन्होंने भी तत्काल दबोचा गया।
हजार-हजार रुपये में डील
आरोपी युवतियों ने बताया कि परीक्षा देने के एवज में एक-एक हजार रुपये मिले थे। ये सभी इंटर व स्नातक की छात्रा हैं। अब सवाल है कि बतौर सॉल्वर क्यों शामिल हो रही थीं जबकि परीक्षा उनके स्तर से काफी ऊपर है।
युवतियों ने बताया कि उनसे कहा गया था कि जब तक परीक्षा चले तब तक सिर्फ बैठना है। पेपर हल नहीं करना है। ऐसे में पुलिस आशंका जता रही है कि गिरोह ने अभ्यर्थियों से मोटा पैसा ले लिया है और बहुत कम पैसे देकर निचली कक्षा वाली छात्राओं को सॉल्वर के तौर पर बैठाने के लिए तैयार कर लिया।