उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में 2017 में भाजपा के नेता हर्षवर्धन बाजपेयी के निर्वाचन के खिलाफ एक याचिका को खारिज करते हुए कहा कि भारत में कोई भी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मतदान नहीं करता।
न्यायमूर्ति के एम जोसफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि अधिकतर मतदाता मतदान से पहले उम्मीदवार की शैक्षणिक योग्यता देखते भी नहीं हैं। पीठ ने मौखिक टिप्पणी की,हमारे देश में कोई शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मतदान नहीं करता।पीठ कांग्रेस नेता अनुग्रह नारायण सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने बाजपेयी के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा नेता ने अपनी सही शैक्षणिक योग्यता नहीं बताकर भ्रष्ट आचरण किया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सितंबर 2022 में सिंह की याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि बाजपेयी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद याचिका निरर्थक हो गई है।