उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिविजन) 2022 की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को पांच शहरों में दो पालियों में कराई गई। 303 पदों पर चार साल बाद हो रही भर्ती के लिए पिछले साल अप्रैल में प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली 2022 को मंजूरी दी थी। संशोधित नियमों के तहत सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्नपत्र में नौ अधिनियमों को जोड़ा गया था। इसके मद्देनजर प्रतियोगी छात्रों ने इन नौ अधिनियमों पर अच्छी-खासी तैयारी की थी।
उन्हें उम्मीद थी कि 150 अंकों के प्रश्नपत्र में 30 से 40 प्रश्न इनसे पूछे जाएंगे। हालांकि परीक्षा कक्ष में जब प्रश्नपत्र मिला तो उन्हें झटका लग गया। नये जोड़े गए नौ अधिनियमों से मात्र 12 सवाल पूछे गए थे। वहीं द्वितीय प्रश्नपत्र में अवधारणात्मक सवाल कम थे। विधि के सेक्शन आधारित मिलान करने वाले सवाल अधिक पूछे गए थे। अभ्यर्थियों का मानना है कि अवधारणात्मक सवाल अधिक होने चाहिए। इससे रटने की बजाय समझ की बेहतर परख हो सकती है।
प्रयागराज में सर्वाधिक अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा पीसीएस जे की प्रारंभिक परीक्षा में 62.91 प्रतिशत अभ्यर्थी उपस्थित हुए। सर्वाधिक उपस्थिति प्रयागराज में रही। आगरा के 51 केंद्रों पर 23973 अभ्यर्थियों में से 12733 उपस्थित रहे। प्रयागराज के 33 केंद्रों पर 15357 में से 10354 (67.42), गोरखपुर के 28 केंद्रों पर 13005 में से 8751, कानपुर के 27 केंद्रों पर 12598 में 8371, जबकि मेरठ के 32 केंद्रों पर 14632 अभ्यर्थियों में से 9849 अभ्यर्थी उपस्थित रहे।
सामान्य अध्ययन में बजट पर आधारित पूछे सवाल
सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्नपत्र में एक फरवरी को प्रस्तुत बजट से जुड़े सवाल भी पूछे गए थे। एक प्रश्न में पूछा गया था कि केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार कुल कितने खर्च का अनुमान है। एक सवाल में चार विकल्प देते हुए पूछा था कि 2022-23 के संघीय बजट के लिए अमृतकाल में भारत की आकांक्षाओं के लिए निम्निलिखित में से कौन सा लक्ष्य सही है। इसके अलावा एक प्रश्न था कि निम्नलिखित में से कौन सी उत्तर प्रदेश सरकार की 2022-23 में बजटीय प्राथमिकता में नहीं है।