शुआट्स एक दिन पढ़ाया नहीं और बना दिया एसो. प्रोफेसर
रोज की तरह रविवार को भी कटरा बजार में जाम लगा रहा। हालात यह हो गए कि पैदल निकलना मुश्किल हो गया।
शुआट्स एक दिन पढ़ाया नहीं और बना दिया एसो. प्रोफेसर
आज फतेहपुर में होगी गिरफ्तारी!
शुआट्स के कुलपति प्रोफेसर आरबी लाल, उनके भाई विनोद बी लाल तथा मैथ्यू सैमुअल सहित अन्य लोगों के खिलाफ जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने आरोपियों को 13 व 15 फरवरी को विवेचक के समक्ष उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराने तथा विवेचना में सहयोग करने का आदेश दिया है। प्रयागराज पुलिस इसी पल का इंतजार कर रही है। सोमवार यानी 13 फरवरी को शुआट्स के पदाधिकारी फतेहपुर पुलिस से संपर्क करेंगे। अपना पक्ष रखने जाएंगे। वहीं पर प्रयागराज पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश करेगी। पुलिस का कहना है कि फतेहपुर के मुकदमों में हाईकोर्ट से राहत मिली है, नैनी के मुकदमों में नहीं।
यीशु दरबार की जड़ों तक पहुंची जांच
फतेहपुर। शुआट्स की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। फर्जी नियुक्ति और वित्तीय अनियमितता की जांच कर रही एसटीएफ ने सोसाइटी समेत चार अन्य बिंदुओं की पड़ताल शुरू कर दी है। यीशु दरबार व धर्मांतरण के गठजोड़ और शुआट्स को अल्पसंख्यक संस्थान होने के दावों के दस्तावेज भी खंगाले जा रहे हैं। शुआट्स कुलपति आरबी लाल समेत प्रबंधन से जुड़े लोगों के खिलाफ एक नए केस की तैयारी है।
प्रयागराज में मिली लोकेशन, सतर्क रही पुलिस
शुआट्स के कुलपति आरबी लाल अपने भाई, बेटे और भतीजे के साथ फरार हैं। उनके मोबाइल नंबर की लोकेशन कभी बेंगलुरु तो कभी उत्तराखंड बताई जा रही है। इस बीच विनोद बी लाल की लोकेशन प्रयागराज में मिलने की सूचना पर शनिवार रात पुलिस सतर्क हो गई। सूचना मिली कि वह प्रयागराज में ही छिपा हुआ है। फतेहपुर पुलिस और प्रयागराज पुलिस की निगाहें लगी हैं। हालांकि कोई पकड़ा नहीं गया।
गहरी हैं सोसाइटी के खेल की जड़ें
जांच एजेंसी के हाथ कई साक्ष्य लगे हैं। पूर्व में ईसीसी का अंग रहे एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की नई सोसाइटी बनाई गई थी। खेल के बाद पहले प्राचार्य रहे सैम हिग्गिन के नाम से शुआट्स का नामकरण किया गया। 1990 में आरबी लाल ने सोसाइटी में परिवार के सदस्यों को जोड़ने के साथ शुआट्स की जमीन का मनमाने तरीके से इस्तेमाल किया।
प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। शुआट्स में शिक्षकों की नियुक्ति पर यूं ही गंभीर आरोप नहीं लगे हैं। किसी की डिग्री पर सवाल है तो किसी के पास अनुभव की कमी लेकिन पद सृजन से लेकर नियुक्ति तक सारा काम हो गया। यूजीसी के नियमों को ताक पर रखकर भर्ती की गई। शिक्षकों की भर्ती में धांधली के मामले में भले ही 2023 में एफआईआर दर्ज हुई है लेकिन 2018 से ही शुआट्स में धांधली के आरोप लग रहे हैं। उस वक्त शुआट्स के शिक्षक ने ही पत्राचार करके गंभीर आरोप लगाए थे।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) एवं यूजीसी के नियम को दरकिनार कर मनमानी नियुक्तियां कर दीं। ये खेल एक दो साल से नहीं विश्वविद्यालय के वर्ष 2000 में अस्तित्व में आने से ही चल रहा है। शुआट्स के पूर्व प्रोफेसर एसके सिंह ने आईसीएआर के अधिकारियों को हलफनामा देकर दो नियुक्तियों के खिलाफ शिकायत की है। उनका कहना है कि लीगल सेल की डायरेक्टर विक्टोरिया अमित मसीह को जब एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया, तब उनके पास एक भी दिन पढ़ाने का अनुभव नहीं था। मजे की बात है कि उन्होंने कृषि विषय से पढ़ाई नहीं की और उन्हें एग्री बिजनेस विभाग में नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने अपनी एलएलएम की डिग्री दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से नगालैंड से ली है और शुआट्स से डाक्टरेट किया है। इसके अलावा डिप्टी रजिस्ट्रार सी जॉन वेस्ली की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। वह लम्बे समय से डिप्टी रजिस्ट्रार रहे और उन्होंने तीन साल से भी कम समय में अपनी पीएचडी पूरी कर ली है। वह भी कोरोना काल के दौरान जब विश्वविद्यालय बंद था।
व्यापारी को अगवा करने में चार गए जेल
प्रयागराज। कॉफी हाउस के सामने से सरिया व्यापारी को अगवा करने वाले चारों आरोपियों को सिविल लाइंस पुलिस ने रविवार को जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपी सिविल इंजीनियर आदर्श तिवारी, अनिकेत, दिव्यांशु और उज्जवल वर्मा के खिलाफ मारपीट, बंधन बनाने और अपहरण करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। चारों आरोपियों ने पिटाई करके उसी की कार से अगवा कर ले गए लेकिन पुलिस की चेकिंग में रात में ही पकड़ गए थे।