आजमगढ़
परिषदीय विद्यालयों में कई फर्जी शिक्षक तैनात हैं, जो कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षक को चिह्नित किया गया था, जो 12 सालों तक दूसरे के नाम पर शिक्षक बना हुआ था। खंड शिक्षाधिकारी की तहरीर पर पवई थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपित फर्जी शिक्षक को पवई पुलिस ने बृहस्पतिवार को सिकंदरपुर तिराहे से गिरफ्तार कर लिया।
खंड शिक्षाधिकारी पवई ने छह अप्रैल 2021 को पवई थाने पर तहरीर दिया था कि प्रा वि हमीरपुर पर तैनात सहायक अध्यापक रविशेखर मिश्र पुत्र अशोक मिश्र निवासी रामनगर कालोनी मड़या पोस्ट खलीलाबाद जनपद संतकबीर नगर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहा है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू किया तो पता चला कि रविशेखर मिश्र का असली नाम विपिन मिश्र पुत्र रमेश चंद्र निवासी परमेश्वरपुर थाना जहांगीरगंज जिला अंबेडकरनगर है। जांच में यह भी ज्ञात हुआ कि उसने दो लाख रुपये खर्च कर रविशेखर के नाम से फर्जी तरीके से 18 अगस्त 2010 को बेसिक शिक्षा विभाग में बतौर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाया था। प्रकरण के उजागर होने पर आरोपित शिक्षक फरार हो गया। जिस पर खंड शिक्षाधिकारी ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही थी। बुधवार को क्राइम ब्रांच के निरीक्षक शिव कुमार मिश्र व यशवंत सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि पवई क्षेत्र में फर्जी शिक्षक मौजूद है। सूचना पर पवई थाने पर तैनात एसआई धर्मेंद्र कुमार की मदद से क्राइम ब्रांच की टीम ने फर्जी घोषित शिक्षक विपिन मिश्र को सिकंदरपुर तिराहे से गिरफ्तार कर लिया।