वाराणसी। केंद्रीय विद्यालय को प्राथमिक शिक्षक भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा में धांधली के आरोप में एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने रविवार को गिलट बाजार तिराह से एप्टेक कंपनी के सिटी हेड मनीष रस्तोगी को गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के मुकाबिक, सिटी हेड के सॉल्वरों से मिलीभगत के साक्ष्य मिले हैं। एप्टेक कंपनी ही शिक्षक भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा करा रही थी। इस मामले में अब तक 22 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। 21 आरोपी शनिवार को दबोचे गए थे। दूसरी तरफ, गिरफ्तार दो युवतियों सहित सभी आरोपियों को रविवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
एसटीएफ की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली के मास्टरमाइंड व पलवल हरियाणा निवासी चितरंजन शर्मा से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर मनीष रस्तोगी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार सभी 22
आरोपियों के खिलाफ शिवपुर, चितईपुर और चौबेपुर थाने में तीन मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। इन सबको वाराणसी, प्रयागराज और हरियाणा से गिरफ्तार किया गया था।
प्राइवेट कंपनियों को क्यों दिया जाता है ठेका केंद्रीय विद्यालय के प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती
परीक्षा में धांधली का प्रयास उजागर होने के बाद एक गंभीर सवाल खड़ा हुआ है। पुलिस अफसरों का कहना है कि आखिर प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को क्यों दी जाती है। जबकि, उनका ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसा होता है कि उसमें हैकर आसानी से सेंध लगा सकते हैं। एसटीएफ के अनुसार एप्टेक कंपनी प्रतियोगी परीक्षाएं विडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर आयोजित कराती है। इसमें रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर डालना या इंस्टॉल करना आसान होता है।
मनीष को प्रति अभ्यर्थी एक लाख टेक्नीशियन को मिलते थे 20 हजार
एसटीएफ ने न्यू साकेत नगर कॉलोनी संकटमोचन निवासी मनीष रस्तोगी से पूछताछ की और बताया कि गिरफ्तार आरोपी की संलिप्तता सामने आई है पता चला कि प्रति अभ्यर्थी के हिसाब से एप्टेक कंपनी के सिटी हेड को एक लाख रुपये मिलते थे। कुछ महीने पहले मास्टरमाइंड हरियाणा के पलवल निवासी चितरंजन शर्मा ने मनीष से संपर्क किया था। शिक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के लिए उसे तैयार किया था। प्रति अभ्यर्थी एक लाख रुपये देने का ऑफर दिया था। परीक्षा केंद्रों पर तैनात आईटी टेक्नीशियन को प्रति अभ्यर्थी 20 हजार रुपये दिए जाने का भरोसा दिलाया गया था। इसे मनीष ने स्वीकार भी किया और एसटीएफ को बताया कि चितरंजन के कहने पर ही अभ्यर्थियों के लिए शिवपुर, चौबेपुर और चितईपुर क्षेत्र के तीन परीक्षा केंद्रों के कंप्यूटर को हैक कराए गए, फिर इसे प्रयागराज में बैठे सॉल्वरों के हवाले किया गया।
चार नामजदों पर
घोषित होगा इनाम सभी पर लगेगा गैंगस्टर
गिरफ्तार चितरंजन शर्मा गिरोह के लोदान निवासी सोनू यादव, भवानीपुर के अवधेश यादव, जौनपुर के महिमापुर गांव के रमाशंकर यादव और औरैया के डीपारा बेला निवासी ओमकांत शाक्य की तलाश अभी जारी है। जल्द ही इन चारों पर इनाम घोषित किया जाएगा। सभी आरोपियों के खिलाफ वाराणसी कमिश्नरेट की चितईपुर, चौबेपुर और शिवपुर थाने की पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी करेगी।