लखनऊ। प्रदेश के 36 कॉलेजों में बोर्ड परीक्षा खत्म होने के बाद साथिया कॉर्नर शुरू कर दिए जाएंगे। इसके लिए हर कॉलेज के दो अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। मार्च के पहले सप्ताह से यह प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। ये दोनों अध्यापक माध्यमिक एवं इंटर कॉलेज में टीम बनाएंगे और उन्हें प्रशिक्षित भी करेंगे। इस रणनीति के जरिए किशोरों को स्वास्थ्य एवं पोषण के बारे में जानकारी दी जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में यह बात सामने आई कि किशोरावस्था में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसकी वजह से शरीर में परिवर्तन होता है, जिसे लेकर छात्र-छात्राएं असहज महसूस करते हैं। जानकारी के अभाव में वे परेशान रहते हैं। इसी तरह किशोरावस्था में पोषण को लेकर भी उन्हें जानकारी नहीं होती है।
इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कॉलेजों में साथिया कॉर्नर शुरू करने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत प्रदेश हर मंडल के दो-दो कॉलेजों में होगी। इस तरह 36 कॉलेजों से इसकी शुरुआत की जा रही है। हर कॉलेज के दो-दो अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हें किशोरावस्था में स्वास्थ्यगत बदलाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसके लिए एनएचएम ने पाठ्य सामग्री भी तैयार की है।
एनएचएम के उप महाप्रबंधक (किशोर स्वास्थ्य) डॉ. आनंद प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि बोर्ड परीक्षा खत्म होते ही चयनित कॉलेजों में साथिया कॉर्नर खुल जाएंगे। नए सत्र से इन्हें संचालित कर दिया जाएगा। करीब छह माह इनका मूल्यांकन करने के बाद प्रदेश के सभी कॉलेजों में इसे लागू करने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।