तमिलनाडु के पट्टीपुलम गांव से रविवार को देश के पहले ‘हाईब्रिड रॉकेट’ मिशन ने ऊंची उड़ान भरी। इसके जरिये देशभर के बच्चों के बनाए 150 छोटे उपग्रहों को आसमान में छोड़ा गया।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन और स्पेस जोन इंडिया के सहयोग से मार्टिन फाउंडेशन ने यह मिशन सफल बनाया। स्पेस जोन इंडिया के संस्थापक और सीईओ डॉ. आनंद मेगालिंगम ने यह जानकारी दी। इस मौके पर तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई भी मौजूद रहीं।
स्कूली बच्चों की मेहनत देशभर के स्कूलों के कक्षा छह से बारहवीं तक के पांच हजार विद्यार्थियों ने 150 पीआईसीओ उपग्रहों को डिजाइन और विकसित किया।
दो हजार बच्चों ने मदद की पीआईसीओ सैटेलाइट बेहद छोटे उपग्रह होते हैं, जो आसमान में एक ऊंचाई पर जाकर कुछ देर के लिए सूचनाएं एकत्रित करने में सक्षम होते हैं। वहीं, इस रॉकेट के निर्माण में 100 सरकारी स्कूलों के दो हजार बच्चों ने मदद की।
अधिकारियों ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जो विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान में प्रशिक्षित करने और इस क्षेत्र में करियर के अवसरों का पता लगाने में मदद करता है।