नई दिल्ली, । दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सैन्य बलों में अग्निवीरों की भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अग्निपथ योजना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि योजना को न सिर्फ राष्ट्रहित में बल्कि सेनाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सैन्य विशेषज्ञों की राय पर किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कि अग्निपथ योजना को लागू करना सरकार का नीतिगत मसला है और इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि सेना भर्ती की यह योजना जनहित में उठाया गया कदम है । पीठ ने कहा है कि यह योजना भारतीय सशस्त्रत्त् बलों को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस जैसे देशों के अनुरूप लाएगा। पीठ ने इसे सरकार का नीतिगत फैसला बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के फैसले विचार करने के बाद लिए जाते हैं।
पिछली भर्ती योजना के अनुसार नियुक्ति नहीं उच्च न्यायालय ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया, रक्षा सेवा में पिछली भर्ती योजना के अनुसार नियुक्ति देने की मांग की थी। सरकार ने अग्निपथ योजना लागू होने के पहले की सभी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था