किराए के भवनों में चलने वाले 101 स्कूल अब दूसरे स्थानों पर हो रहे संचालित
स्थान बदलने पर 50 से 80 फीसदी तक कम हुई प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या
कानपुर। किराए के भवनों में चल रहे बेसिक शिक्षा परिषद के 101 प्राथमिक स्कूलों को दूसरे स्थानों पर संचालित कराने का फैसला नन्हे छात्रों के लिए मुसीबत बन गया है। 16 जनवरी को अपने पुराने स्थान से दो-तीन किमी दूर भेज दिए गए इन स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 से 80 फीसदी तक कम हो गई है। हिन्दुस्तान अखबार ने शुक्रवार को विस्थापित स्कूलों की पड़ताल की तो पता चला कि इन कक्षाओं के इक्का-दुक्का छात्र ही आ रहे हैं।नारायणपुरवा के एक भवन में चार स्कूल नारायणपुरवा के प्राथमिक विद्यालय में ओमनगर, सुंदर नगर और नसीमाबाद के स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। यहां पर एक साथ बच्चों की कक्षाएं लगी थीं। नसीमाबाद स्कूल की प्रधानाध्यापक नीलम सिंह ने बताया कि इन दिनों दो छात्र आ रहे हैं। सुंदर नगर की शिक्षा मित्र नेहा ने बताया कि संत नगर गुरुद्वारे के पास से छात्र नहीं आ रहे।
नौ स्कूलों को मिलाकर 35 छात्र भी नहीं
उच्च प्राथमिक विद्यालय मॉडल प्रेमनगर (कंपोजिट) के भवन में आठ स्कूलों के और आ जाने के बाद अब यहां नौ स्कूलों की संयुक्त कक्षाएं लग रही हैं। शुक्रवार को यहां एक-एक कमरे में दो-दो कक्षाएं चलती मिलीं। यहां चमनगंज ए, चमनगंज तृतीय, हुमायुं बाग, देवनगर, गणेश पार्क, गांधी नगर पी रोड, बनखंडेश्वर और अशोक नगर के शिक्षक अलग-अलग कमरों में छात्रों को पढ़ाने में व्यस्त थे। सभी स्कूलों के कक्षा एक और दो के छात्रों को एक साथ बैठाने के बाद भी यहां 32 छात्र ही हुए। चमनगंज ए की प्रधानाध्यापक शबाना शहीन, चमनगंज तृतीय की शिक्षामित्र तरन्नुम वहीद और हुमायुंबाग की शिक्षामित्र फरीदा उस्मानी ने बताया कि उनका पुराना स्कूल इस स्कूल से तीन किमी दूर होने से लोगों ने बच्चों को भेजना छोड़ दिया है। अशोक नगर की प्रधानाध्यापक सुमन लता ने बताया कि अभिभावक भेज नहीं रहे।
कुर्सी को लेकर खींचतान
एक ही स्थान पर कई स्कूल चलने से प्रधानाध्यापकों की संख्या बढ़ गई है। प्रधानाध्यापक की कुर्सी एक होने और अलग से बैठने को कक्ष न होने के चलते आपसी तनाव बढ़ रहा है। नियमों के अनुसार स्कूल के अभिलेख अलग रहेंगे और खाते अलग संचालित होंगे।
कुछ अभिभावकों द्वारा छात्रों को न भेजने की सूचना है। शिक्षक उनसे बात करके बच्चों को भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जल्द ही छात्र संख्या में सुधार आएगा।
-सुरजीत कुमार सिंह, बीएसए